IND vs ENG: भारत के डोमेस्टिक क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाने वाले करुण नायर को इंग्लैंड दौरे के लिए राष्ट्रीय टीम में चुना गया और 8 साल बाद उनकी अंरर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी हुई. हालांकि, यह सीनियर बल्लेबाज इस मौके को भुनाने में नाकाम रहा और दो टेस्ट मैच की चार पारियों में लगभग एक ही तरीके से आउट हुए. एजबेस्टन टेस्ट के चौथे दिन उन्होंने कार्स की गेंद पर एक आसान कैच विकेटकीपर को थमा दिया. उस समय करुण 26 रन बनाकर खेल रहे थे. इसी टेस्ट की पहली पारी में 31 रन बनाकर आउट हुए थे. आईपीएल के हीरो साई सुदर्शन को भी पहले टेस्ट में मौका दिया गया था, लेकिन वह फेल हो गए और दूसरे टेस्ट से उन्हें बाहर कर दिया गया. करुण नायर का भविष्य भी ठीक नहीं दिख रहा है. got a chance after 3000 days but triple centurion Karun Nair failed again
करुण नायर के सामने बड़ी चुनौती
पहले टेस्ट में टीम इंडिया को लीड्स में 5 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा था. उस मुकाबले में भी करुण नायर बल्ले से कोई कमाल नहीं दिखा पाए थे. पहली पारी में करुण बिना खाता खोले आउट हो गए थे, जबकि दूसरी पारी में वह केवल 20 रन बना पाए थे. टीम प्रबंधन ने नायर पर जो भरोसा दिखाया, उसपर वे खरे नहीं उतर पाए हैं. अब यह देखना दिलचस्प है कि तीसरे टेस्ट में नायर को प्लेइंग इलेवन में मौका मिलता है या नहीं. नायर की खराब बल्लेबाजी के बाद उनकी काफी आलोचना हो रही है. फैंस का मानना है कि नायर ने सरफराज खान को टीम से बाहर करवाया है.
डोमेस्टिक क्रिकेट में मचाया था धमाल
पिछले विजय हजारे ट्रॉफी में करुण नायर ने विदर्भ के कप्तान के तौर पर कई रिकॉर्ड तोड़े. उन्होंने टूर्नामेंट में 7 मैचों में 752 रन बनाए और एक कप्तान के रूप में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. इस दौरान उनका औसत भी 752 रहा, जबकि चैंपियनशिप में वे सिर्फ एक बार आउट हुए. नायर ने 7 विजय हजारे मैचों में 112 (108), 44 (52), 163 (107), 111 (103), 112 (101), 122 (82) और 88 (44) के स्कोर बनाए. रुतुराज गायकवाड़ ने 2022-23 सीजन के दौरान पांच पारियों में 220 की औसत और चार शतकों के साथ 660 रन बनाकर रिकॉर्ड बनाया था. नायर हालांकि फाइनल मुकाबले में मुंबई के खिलाफ बड़ा स्कोर करने में नाकाम रहे और 8 मैचों में 779 रन के साथ सीजन समाप्त किया.
टेस्ट की एक पारी में तिहरा शतक जड़ने का है रिकॉर्ड
2017 में धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी बार करुण नायर ने तिहरा शतक लगाया था. इसके बाद से वह टीम से बाहर चल रहे थे. वे घरेलू क्रिकेट में वापस चले गए, खेलते रहे और चयनकर्ताओं के दरवाजे खटखटाते रहे, लेकिन उन दस्तकों पर कोई ध्यान नहीं गया. फिर भी, उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने कहा, ‘प्रिय क्रिकेट, मुझे एक और मौका दो.’ और क्रिकेट ने उन्हें एक मौका दे दिया. दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 2024-25 के घरेलू सत्र में शानदार प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने नौ रणजी ट्रॉफी मैचों में चार शतकों के साथ 863 रन बनाए. काफी उम्मीदों के साथ उनका स्वागत टीम इंडिया में किया गया, लेकिन वह अब तक नाकाम रहे हैं. इसके लिए 33 साल के इस बल्लेबाज को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.
सोशल मीडिया पर हो हंगामा
नायर को लेकर सोशल मीडिया पर माहौल तेजी से बदल रहा है. नायर की 303* रन की पारी ने उन्हें एक बार समय तो दिया था, लेकिन अब वह उनके लिए सहानुभूति खत्म होती दिख रही है. लगातार खराब प्रदर्शन के कारण बार-बार लाइफलाइन मिलने से प्रशंसक निराश हो गए हैं और कई लोग अब टीम प्रबंधन से आगे देखने की मांग कर रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि यदि नायर को एक और मौका दिया जाना है तो यह घरेलू धरती पर एक विदाई टेस्ट मैच होना चाहिए और सम्मानजनक विदाई होनी चाहिए और फिर आगे बढ़ जाना चाहिए. भारत एक परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है और विश्व टेस्ट चैंपिनशिप चक्र में, निरंतरता और फॉर्म को प्राथमिकता देनी होगी.
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