IND vs ENG: मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेले गए चौथे टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने ऐसा करिश्मा कर दिखाया, जो क्रिकेट प्रेमियों को लंबे समय तक याद रहेगा. पहली पारी में भारी पिछड़ने के बावजूद, भारतीय बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में जबरदस्त संयम और साहस दिखाया. खासतौर पर रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर की शतकीय पारियों ने टीम को हार की कगार से खींचकर ड्रॉ तक पहुंचा दिया. यह सिर्फ एक मैच बचाना नहीं था, बल्कि भारतीय टीम के जुझारू और जज्बे से भरे रवैये का प्रतीक भी था.
IND vs ENG: ‘योद्धा’ ने निभाई जिम्मेदारी
रवींद्र जडेजा का नाम आते ही क्रिकेट फैंस के जहन में उनकी तलवारबाजी वाली सेलिब्रेशन छवि उभरती है. जब वह बैट को तलवार की तरह घुमाकर शतक या अर्धशतक का जश्न मनाते हैं, तो मैदान का माहौल ही कुछ और होता है. लेकिन मैनचेस्टर टेस्ट के अंतिम दिन, विपरीत परिस्थितियों में खेली गई उनकी नाबाद 107 रनों की पारी के बाद उन्होंने अपने ट्रेडमार्क स्टाइल को छोड़ दिया. उन्होंने कोई सेलिब्रेशन नहीं किया- ना तलवारबाजी, ना ही कोई इशारा.
इसका असर मैदान से पवेलियन तक दिखा. कप्तान शुभमन गिल और अन्य खिलाड़ी पवेलियन से उनकी तलवारबाजी की प्रतीक्षा कर रहे थे. शुभमन ने तो मजाकिया अंदाज में जडेजा की नकल भी की, लेकिन खुद जडेजा शांत और संयमित रहे. बाद में उनकी पत्नी रिवाबा जडेजा ने सोशल मीडिया पर इस क्षण को शब्दों में समेटते हुए लिखा, “तलवारबाजी नहीं, बल्कि योद्धा का जज्बा! मेरे पति रवींद्रसिंह जडेजा का यह शतक- टीम को जब सबसे ज्यादा जरूरत थी, उस समय उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प का प्रतीक था.”
No sword, but pure warrior spirit! 🚩
— Rivaba Ravindrasinh Jadeja (@Rivaba4BJP) July 27, 2025
This century from my husband Ravindrasinh Jadeja – was all about grit and determination when the team needed it most.
A knock to remember, a moment to cherish — made even more special by the collective spirit of Team India! 🇮🇳@imjadeja pic.twitter.com/9eU9WPnr89
यह पारी ना सिर्फ स्कोरबोर्ड में दर्ज हुई, बल्कि जडेजा के करियर की सबसे परिपक्व और जिम्मेदारी भरी पारियों में से एक बन गई. उन्होंने वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर आखिरी दिन की अंतिम गेंद तक विकेट बचाए रखा और भारत को एक यादगार ड्रॉ दिलाया.
दूसरी पारी में दिखा जुझारूपन
इस मैच की शुरुआत भारत के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी. इंग्लैंड ने पहली पारी में 669 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया और भारत पर 311 रनों की बढ़त बना ली. जब भारतीय टीम दूसरी पारी खेलने उतरी तो शुरुआत ही विनाशकारी रही यशस्वी जायसवाल और साई सुदर्शन, खाता खोले बिना आउट हो गए. भारत का स्कोर 0 रन पर 2 विकेट हो गया.
हालांकि, संकट की इस घड़ी में कप्तान शुभमन गिल (103) और केएल राहुल (90) ने मोर्चा संभाला और 188 रनों की बेहतरीन साझेदारी की. इन दोनों के आउट होने के बाद ऐसा लग रहा था कि भारत की पारी फिर लड़खड़ा सकती है, लेकिन तभी जडेजा और सुंदर ने क्रीज पर खूंटा गाड़ दिया.
दोनों बल्लेबाजों ने संयम और धैर्य के साथ बल्लेबाज़ी करते हुए 200 रनों से अधिक की नाबाद साझेदारी की. सुंदर ने भी शानदार अंदाज में अपना शतक पूरा किया और अंत तक नाबाद रहे. यह साझेदारी भारतीय टेस्ट इतिहास की यादगार साझेदारियों में शुमार हो गई है, जिसने न सिर्फ हार को टाला, बल्कि पूरे देश को गर्व महसूस कराया.
क्या भारत सीरीज बराबर कर पाएगा?
इस ड्रॉ के साथ इंग्लैंड की बढ़त अब 2-1 की हो गई है. पांच मैचों की इस रोमांचक सीरीज का अंतिम टेस्ट 31 जुलाई से लंदन के द ओवल मैदान पर खेला जाएगा. भारतीय टीम के लिए यह मुकाबला ‘करो या मरो’ जैसा होगा, जहां जीत ही उन्हें सीरीज बराबर करने का मौका देगी.
रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर की यह पारी न सिर्फ एक मैच बचाने में काम आई, बल्कि टीम के हौसले को भी नई उड़ान दी है. अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या भारतीय बल्लेबाज और गेंदबाज इस आत्मविश्वास को ओवल में दोहराकर इंग्लैंड को चौंका पाएंगे.
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