IND vs ENG: कोहली की कॉपी न करें गिल, इस पूर्व क्रिकेटर का भारतीय कप्तान पर प्रहार

IND vs ENG: टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज के तीन मुकाबले पूरे हो चुके हैं. इस सीरीज में इंग्लैंड 2-1 से आगे चल रही है. टीम इंडिया के लिए मैनचेस्टर टेस्ट मैच करो या मरो का मैच हो गया है. इसी बीच पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने युवा कप्तान शुभमन गिल को लेकर एक बड़ा बयान दे दिया है.

By Aditya Kumar Varshney | July 22, 2025 2:43 PM
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IND VS ENG Test Series: भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज जारी है, इस सीरीज में टीम इंडिया अभी 1-2 से पीछे चल रही है. चौथा मैच 23 जुलाई बुधवार से मैनचेस्टर में खेला जाएगा. इस टेस्ट से पहले भारतीय टीम के कप्तान शुभमन गिल को लेकर पूर्व भारतीय खिलाड़ी मनोज तिवारी ने बड़ा बयान दे दिया है. 

मनोज तिवारी ने युवा कप्तान गिल से कहा कि वह टीम इंडिया के स्टार प्लेयर विराट कोहली की नकल करना बंद कर दें. इसके अलावा विपक्षी क्रिकेटरों के प्रति ‘अश्लील’ और आक्रामक भाषा का इस्तेमाल करने से बचें. उन्होंने कहा गिल पूराने कप्तानों की तरह खुद को साबित करने में लगे हैं और कुछ पहले के कप्तानों द्वारा चालाए गए ट्रेंड को अपनाकर अपनी टीम का खराब प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. यही कारण है जिससे उनकी बल्लेबाजी और मैदान पर उनकी टीम की परफॉरमेंस पर असर पड़ा.

IND vs ENG: आक्रामकता पर तिवारी की चिंता

पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने शुभमन गिल की कप्तानी पर सवाल उठाए हैं. उनका मानना है कि गिल विराट कोहली की शैली की नकल करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे उनकी बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. तिवारी ने कहा कि गिल अंपायरों से बहस करते नजर आ रहे हैं और जरूरत से ज्यादा आक्रामक दिख रहे हैं, जो उनके स्वभाव से मेल नहीं खाता. उन्होंने सुझाव दिया कि गिल को अपनी तीव्रता तो बनाए रखनी चाहिए, लेकिन बिना बहस और गुस्से के. तिवारी ने यह भी कहा कि एक अच्छे कप्तान को आक्रामकता के साथ संयम भी जरूरी होता है, ताकि टीम के लिए सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे.

भाषा और व्यवहार को लेकर चिंता

तिवारी ने लॉर्ड्स में खेले गए मैच के दौरान खिलाड़ियों के व्यवहार और भाषा को लेकर भी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि स्टंप माइक पर सुनाई देने वाले शब्द अस्वीकार्य हैं और यह एक गलत प्रवृत्ति बनती जा रही है. तिवारी का मानना है कि भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए खिलाड़ियों को मर्यादा में रहना चाहिए, क्योंकि उनके आचरण का असर अगली पीढ़ी पर भी पड़ता है. उन्होंने अपशब्दों के इस्तेमाल पर नियंत्रण की बात करते हुए कहा कि क्रिकेट में आक्रोश की जगह प्रदर्शन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

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