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पिच का पाकिस्तान कनेक्शन
क्या फाइनल में बदलेगा खेलदुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की वही पिच चुनी गई है, जिस पर 23 फरवरी को भारत-पाकिस्तान का हाई-वोल्टेज मुकाबला खेला गया था. अमीरात क्रिकेट बोर्ड की नीति के अनुसार हर पिच को दो हफ्ते का आराम दिया जाता है, लेकिन टूर्नामेंट के व्यस्त शेड्यूल के चलते नई पिच तैयार नहीं हो पाई. अब फाइनल के लिए ‘पहले इस्तेमाल की गई पिच’ को ही दोबारा मैदान में उतारा जा रहा है.
क्या यह भारत के लिए फायदे का सौदा होगा?
अगर पिच धीमी रहती है, तो कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा जैसे स्पिनर्स न्यूजीलैंड के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं. कम उछाल वाली विकेट न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों को मुश्किल में डाल सकती है, जिससे भारत के बल्लेबाजों को फायदा होगा. हालांकि, अगर पिच टूटने लगी तो बल्लेबाजी चुनौतीपूर्ण हो सकती है और लो-स्कोरिंग मैच देखने को मिल सकता है.
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पिच रिपोर्ट में क्या कहती हैं स्टैटिस्टिक्स
इस टूर्नामेंट में यह पिच धीमी रही है, और बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ भारतीय टीम ने दुबई में 250+ रन चेज किए हैं, जिससे साफ है कि पिच पर रन बनाना आसान नहीं है. न्यूजीलैंड ने इस मैदान पर तीन मैच खेले हैं, जिनमें दो में उन्हें हार मिली, जबकि भारत यहां अब तक अपराजित रहा है. दुबई में इस समय गर्म मौसम और सूखी पिच स्पिनरों के लिए मददगार साबित हो सकती है. अब सबकी निगाहें 9 मार्च पर टिकी हैं. रोहित शर्मा की टीम 2000 के फाइनल की हार का बदला ले पाएगी, या फिर न्यूजीलैंड एक और झटका देकर खिताब पर कब्जा जमाएगा.
इनपुट- आशीष राज
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