
Vaibhav Suryavanshi Coach on His Century: वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल इतिहास की सबसे यादगार पारियों में से एक खेली. इसमें अब किसी को कोई शक नहींं होगा. गुजरात टाइटंस के खिलाफ मैच में वैभव ने मात्र 35 गेंद पर 100 रन जड़ दिए. 94 रन के स्कोर पर वैभव ने राशिद खान जैसे दिग्गज गेंदबाज की गेंद पर छक्का जड़कर ऐतिहासिक शतक जड़ा. वैभव की पारी में कुल 11 छक्के और 7 चौके शामिल थे. अपने आईपीएल कैरियर की शुरुआत ही छक्के से करने वाले वैभव ने इस पारी के लिए पहले ही मन बना लिया था. अपने कोच से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि सर आज मैं मारूंगा और वैभव ने वहीं किया. गुजरात के गेंदबाजों को ऐसी मार पड़ी कि, 210 रन का टार्गेट केवल 15.5 ओवर में ही हासिल हो गया.
आईपीएल शुरू होने से पहले वैभव सूर्यवंशी का एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में वे पूछते हैं, “क्या ऐसा कभी हुआ है कि आपने पहली ही गेंद पर छक्का मारा हो?” यही मासूम लेकिन गहरी बात 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल डेब्यू से कुछ दिन पहले एक साथी खिलाड़ी से पूछी थी. लेकिन शायद वैभव ने यही करने की ठानी थी. यह मैच लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ था. भारत के बेहतरीन गेंदबाजों में से एक आवेश खान के हाथ में गेंद थी. यशस्वी जायसवाल ने स्ट्राइक ली, एक रन लेकर वैभव को स्ट्राइक दी. और जो हुआ, वह किसी सपने जैसा था- वैभव ने अपने आईपीएल करियर की पहली ही गेंद पर जोरदार छक्का जड़कर अपनी धमाकेदार एंट्री की घोषणा कर दी.
मारना, पर विकेट मत देना- कोच ने समझाया
फिर मौका आया राजस्थान के लिए तीसरे मैच का. 28 अप्रैल, सोमवार सुबह 10 बजे. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वैभव ने जागते ही अपने बचपन के कोच मनीष ओझा को फोन किया. फुटवर्क और तकनीक पर कुछ बातचीत के बाद वैभव ने आत्मविश्वास से कहा, “सर, आज मैं मारूंगा.” कोच ने समझाया, “मारना, पर विकेट मत देना. इत्मीनान से खेलना, यशस्वी से बात करते रहना.” शाम को वैभव ने पैड बांधे, डगआउट से बाहर आए, यशस्वी के साथ फिस्ट बंप किया और फिर इतिहास रच दिया.
इंटरनेशनल गेंदबाजों की धुनाई की
वैभव की भविष्यवाणी एक बार फिर सच साबित हुई. समस्तीपुर, बिहार के 14 साल और 32 दिन के बालक ने 38 गेंदों में 101 रन बनाकर आईपीएल इतिहास के सबसे युवा सेंचुरी बनाने वाले खिलाड़ी का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. जयपुर के भरे हुए सवाई मानसिंह स्टेडियम में वैभव ने 11 छक्के और 7 चौकों की बारिश कर दी, जबकि उनके सामने ईशांत शर्मा, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, वॉशिंगटन सुंदर, राशिद खान और करीम जनत जैसे इंटरनेशनल सितारे थे. लेकिन भीड़ के नारे गूंजते रहे, लेकिन वैभव बिना रुके गेंदबाजों का खेल बिगाड़ते रहे. उन्होंने मात्र 35 गेंदों में गुजरात टाइटंस के खिलाफ अपना शतक पूरा किया.
वैभव के शतक के बाद कोच का बयान
वैभव के शतक के बाद भारत के पूर्व और राजस्थान रॉयल्स के वर्तमान कोच राहुल द्रविड़, जो व्हीलचेयर पर थे, खुशी में अपने हाथ हवा में उठाकर जश्न मनाने लगे. द्रविड़ भी वैभव की इस ऐतिहासिक पारी से खुद को रोक नहीं पाए. वैभव के कोच मनीष ओझा ने भावुक होकर कहा, “उसने कहा था कि मारेगा, पर इस तरह मारेगा ये नहीं सोचा था. मुझे लगा था कुछ बड़ा करेगा, लेकिन इतना बड़ा करेगा, इसकी उम्मीद नहीं थी. वह भगवान का दिया हुआ एक अनमोल तोहफा है. वह अभी बच्चा ही है- सिर्फ 14 साल का. भगवान ने उसे खास हुनर दिया है. मुझे गर्व है कि मैं उसके सफर का छोटा सा हिस्सा बन पाया.”
ओझा ने आगे कहा, “वैभव हमेशा कहता है कि राजस्थान रॉयल्स ने उसे बहुत बड़ा मंच दिया है और वह पूरी मेहनत करेगा, अच्छा खेलेगा और अपना सर्वश्रेष्ठ देगा. उसका सपना है भारत के लिए खेलना. सचिन तेंदुलकर ने भी 16 साल की उम्र में डेब्यू किया था. मुझे पूरा विश्वास है कि वैभव सही राह पर है. और जब राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज उसका मार्गदर्शन कर रहे हैं, तो उसे किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है.”
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