मैच के बाद स्काई स्पोर्ट्स से बात करते हुए आर्चर ने बताया, “यह गर्व का पल नहीं था, लेकिन मैंने बस इतना कहा, ‘अब इसे चार्ज करो (यानी अब मार के दिखाओ)”. आर्चर ने आगे बताया कि दरअसल आज सुबह वे संघर्ष कर रहे थे, उनकी बॉल फुल लेंथ जा रही थी. ऐसे ही एक फुल लेंथ पर ऋषभ ने चौका मारा और जाने के लिए कहा. हालांकि जब गेंद सही जगह गई और विकेट मिला तो खुशी हुई.
लॉर्ड्स में क्या था इंग्लैंड का प्लान
हालांकि इस बर्ताव के चलते आर्चर को मैच रेफरी के सामने पेश होना पड़ सकता है, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इंग्लैंड की आक्रामकता एक रणनीतिक फैसला था. टीम को लगा कि अब तक वे बहुत ज्यादा नरम रहे हैं. उन्होंने कहा, “यह एक सामूहिक निर्णय था. हम सबने कल एक साथ बैठकर कहा कि हम कुछ ज्यादा ही अच्छे बन रहे हैं. जब हम बाहर जाते हैं, तो दूसरी टीमें हमारे साथ इतनी अच्छी नहीं होतीं. इसलिए हमने थोड़ा तेवर दिखाने की कोशिश की. कौन जाने, शायद यही वजह रही हो कि आज फील्ड पर हमारी एनर्जी अलग थी.”
मैच में कितने विवाद हुए
तीसरा टेस्ट मैच एक क्लासिक की तरह याद रखा जाएगा, जहां इंग्लैंड ने रवींद्र जडेजा और भारत के टेल एंड के संघर्ष को पछाड़ते हुए 22 रन से रोमांचक जीत दर्ज की. मैच के दौरान दोनों टीमों के बीच टकराव भी देखने को मिला. तीसरे दिन के अंत में जैक क्रॉली के टाइम वेस्टिंग को लेकर भारत के कप्तान शुभमन गिल ने उन्हें अपशब्द के साथ हिम्मद दिखाने की बात कह दी थी. अगली सुबह मोहम्मद सिराज ने बेन डकेट को आउट करने के बाद उनसे टकराव किया, जिसके लिए उन्हें एक डिमेरिट पॉइंट और मैच फीस का 15 प्रतिशत जुर्माना भरना पड़ा.
आखिरकार जीता इंग्लैंड
हालांकि इंग्लैंड की यह आक्रामक रणनीति काम आई और उसने भारत को 193 रन के लक्ष्य को मुश्किल बना दिया. लगातार और हर खिलाड़ी को उन्होंने स्लेज किया. भारत का कोई भी बल्लेबाज ज्यादा देर तक नहीं टिक सका, सिवाय रवींद्र जडेजा के. उन्होंने भारत के लिए 181 गेदों पर 61 रनों का योगदान दिया और अंत तक नाबाद रहे. उनकी पारी की बदौलत भारत 170 रन ही बना सका और 22 रन से मुकाबले को गंवा दिया. अब इस जीत के साथ इंग्लैंड सीरीज में 2-1 से आगे है.
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