लॉर्ड्स टेस्ट की बात करें, तो चोट के कारण मैच से बाहर चल रहे शोएब बशीर तेज गेंदबाजों के थकने के बाद मैदान पर आए. उन्होंने 6 ओवर गेंदबाजी की. चारों ओर खड़े फील्डरों को ध्यान में रखते हुए सिराज ने, बशीर के 6वें ओवर की पांचवीं स्लो शॉर्ट गेंद पर बहुत सॉफ्ट हैंड्स से डिफेंस किया. लेकिन दुर्भाग्यवश, गेंद सिराज की आंखों के नीचे गिरकर धीरे-धीरे स्टंप्स की ओर लुढ़कती चली गई और एक गिल्ली गिराकर मुकाबला खत्म कर दिया.
1999 चेन्नई टेस्ट में भी ऐसी ही थी कहानी
बिलकुल यही दृश्य 1999 के चेन्नई टेस्ट में देखने को मिला था, जब भारत और पाकिस्तान के बीच रोमांचक मुकाबले का अंत भी ऐसे ही हुआ था. उस मैच में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मोहम्मद यूसुफ और मोइन खान की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत 238 रन बनाए थे. भारत ने सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ की फिफ्टी के दम पर 16 रन की मामूली बढ़त हासिल की. फिर शाहिद अफरीदी ने 191 गेंदों में 141 रन ठोककर भारत के सामने 271 रन का लक्ष्य खड़ा कर दिया. भारत की ओर से सचिन तेंदुलकर ने 136 रनों की वीरता दिखाई, जिसे नंबर 7 पर बल्लेबाजी करने आए नयन मोंगिया (52) का साथ मिला. इन दोनों को छोड़कर कोई और बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका.
जैसे लॉर्ड्स में जडेजा अकेले लड़ते नज़र आए, वैसे ही चेन्नई में सचिन ने अकेले मोर्चा संभाला था. मोंगिया के आउट होने के बाद भारत का स्कोर 218 था और 53 रन बाकी थे. सचिन ने नंबर 9 सुनील जोशी (8 रन) के साथ 36 रन जोड़कर स्कोर 254 तक पहुंचाया. लेकिन इसके बाद वह सातवें विकेट के रूप में आउट हो गए और भारत को जीत के लिए 17 रन की जरूरत थी.
हालांकि, आखिरी तीन विकेट महज 21 गेंदों में 4 रन जोड़ सके और भारत यह मैच 12 रन से हार गया. अंतिम विकेट के रूप में जवागल श्रीनाथ आउट हुए, उन्होंने भी बैकफुट से एक डिफेंसिव शॉट खेला, लेकिन गेंद उनके पैरों के बीच से स्टंप्स में जा लगी, जैसे सिराज के साथ हुआ. फर्क बस इतना था कि चेन्नई में दोनों गिल्लियां गिर गई थीं. इसके बाद भारत ने दिल्ली में दूसरा टेस्ट जीतकर सीरीज़ 1-1 से ड्रॉ कर ली थी. इस मैच का वीडियो भारत की लॉर्ड्स टेस्ट की हार के बाद वायरल हो गया है.
लॉर्ड्स में भारत का आखिरी विकेट लेने वाले शोएब बशीर का जन्म तक 1999 के उस चेन्नई टेस्ट के बाद हुआ था. लॉर्ड्स टेस्ट की बात करें, तो इंग्लैंड और भारत ने पहली पारी में समान रूप से 387 रन बनाए, इसके बाद इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 193 रन बनाकर भारत के सामने एक आसान सा दिख रहा टारगेट तय किया. लेकिन टेस्ट क्रिकेट और उसकी क्रूरता ने दिखा दिया कि क्यों वह अब भी सभी प्रारूपों में सर्वश्रेष्ठ है. इंग्लैंड के गेंदबाजों ने भारत की पारी 170 रन पर समेट कर मुकाबले को अपने नाम करते हुए सीरीज में 2-1 से बढ़त बना ली.
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