फाइनल में शकील हुए विवादास्पद आउट
जब क्वेटा ग्लैडिएटर्स की पारी के दौरान जब कप्तान साउद शकील 3 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तो उन्होंने शाहीन शाह अफरीदी की लेग-साइड पर जाती यॉर्कर को ग्लांस करने की कोशिश की. गेंद बल्ले से दूर दिखी और टीवी रिप्ले में भी स्पष्ट गैप नजर आया, यहां तक कि कमेंटेटर माइक हेजमैन ने इसे वाइड दिए जाने लायक करार दिया.
इसके बावजूद ऑन-फील्ड अंपायर ने शकील को आउट दे दिया. शकील ने निराशा में अंपायर की ओर देर तक घूरा और मजबूरी में पवेलियन लौट गए क्योंकि DRS का विकल्प मौजूद नहीं था. हेजमैन ने उनकी प्रतिक्रिया पर कहा, “वो बिल्कुल खुश नहीं दिख रहे.”
क्यों हुआ ऐसा और भारत का क्या रहा रोल?
दरअसल PSL 2025 को भारत-पाक राजनीतिक तनाव के कारण बीच में ही स्थगित कर दिया गया था, लेकिन 18 मई से इसे फिर से शुरू किया गया. हालांकि, दोबारा शुरू होने के बाद से ही टूर्नामेंट में डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) उपलब्ध नहीं था. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक DRS तकनीक प्रदान करने वाली हॉक-आई टीम ने पाकिस्तान लौटने से इनकार कर दिया था, क्योंकि सभी तकनीकी विशेषज्ञ भारत से ही थे. ऐसे में 18 मई के बाद खेले गए आठ मैचों, जिनमें तीन प्लेऑफ और फाइनल भी शामिल थे, सभी बिना DRS के आयोजित किए गए.
फाइनल मैच का परिणाम
वहीं फाइनल मैच की बात करें, तो क्वेटा ग्लैडिएटर्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 201/9 रन बनाए, जिसमें शाहीन अफरीदी ने 24 रन देकर 3 विकेट लिए. जवाब में लाहौर कलंदर्स ने सिकंदर रजा की धमाकेदार पारी की बदौलत इस लक्ष्य को आखिरी ओवर में हासिल कर लिया और PSL 2025 का खिताब अपने नाम किया.
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