Ricky Ponting Birthday: साल 2003 मार्च की 24 तारीख, दक्षिण अफ्रीका का जोहांस्बर्ग स्टेडियम. 1983 के बाद भारत पहली बार क्रिकेट विश्वकप के फाइनल में पहुंचा था. भारतीय टीम में सचिन, सहवाग, गांगुली और द्रविड़ जैसे क्रिकेट स्टार मौजूद थे. 20 साल बाद भारत एकबार फिर विश्वकप जीतने की दहलीज पर था. लेकिन उस दिन भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों का दिल टूट गया. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने अपनी लाजवाब बल्लेबाजी और कप्तानी से भारत को हराकर कंगारू टीम को लगातार दूसरी बार विश्वकप दिला दिया. आज 19 दिसंबर को उन्हीं रिकी पोंटिंग का जन्मदिन है.
2003 के विश्वकप के फाइनल मुकाबले में भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. लेकिन उनका यह निर्णय भारत के लिए भारी पड़ा. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने उस मैच में 121 गेंद पर 140 रन की ऐतिहासिक पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 359 रन के पार पहुंचा दिया. उस समय 300 रन से अधिक का स्कोर काफी हद तक सुरक्षित माना जाता था, पर यहां तो भारत को जीत के लिए 360 रन बनाने थे. सभी भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को सचिन, सेहवाग और गांगुली से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन सचिन पहले ही ओवर में आउट हो गए.उस मैच में सेहवाग ने 83 रन की पारी खेली जबकि द्रविड़ ने 47 रन बनाए. लेकिन इनके अलावा कोई भी बल्लेबाज ठहर नहीं सका. टीम इंडिया उस मैच में 234 रन ही बना सकी और वह 125 रन से मैच हार गई. पोंटिंग ने उम्दा कप्तानी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को यह मैच और लगातार दूसरा विश्वकप जितवा दिया.
#OnThisDay Relive Ricky Ponting's brilliant 140* from 121 balls against India, which led Australia to World Cup glory in 2003. 🏆
— ICC (@ICC) March 23, 2018
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पोंटिंग के बल्ले में थी ग्रेफाइट की परत
90 के दशक में जन्में क्रिकेट फैंस के लिए यह विश्वास करना मुश्किल था कि कोई एक मैच में 8 छक्के कैसे मार सकता है. इस मैच में रिकी पोंटिंग की बल्लेबाजी को लेकर यह अफवाह उड़ी कि उनके बैट में स्प्रिंग लगा है. लेकिन इस अफवाह के दो साल बाद हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जब पोंटिंग इंग्लैंड के खिलाफ 2005 की एशेज सीरीज का हिस्सा थे तो यह पता चला कि पोंटिंग अपने बल्ले के पीछे स्टिकर पर ग्रेफाइट की एक परत के साथ खेलते थे. यह मामला मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब में उठाया गया था, जो क्रिकेट के नियमों के बारे में उच्च संस्था थी. आईसीसी ने भी इस मामले पर काफी ध्यान दिया और अंततः इसे अवैध माना गया. हालांकि पोंटिंग ने कहा कि वे इस बल्ले से पिछले पांच छह सालों से खेल रहे थे और उन्होंने उस साल केवल स्टिकर बदला था. पता नहीं यह कहां से शुरू हुआ था, लेकिन वे इस मुद्दे पर केवल हंस सकते थे.
स्प्रिंग बैट के बारे में खुल कर बोले रिकी पोंटिंग
पोटिंग ने 21 साल बाद इस मुद्दे पर अपनी बात रखी. इसी साल 2024 में आईपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी ने इंटरव्यू में बात करते हुए कहा, स्प्रिंग बैट? मैंने स्प्रिंग बैट के बारे में कभी नहीं सुना. स्प्रिंग बैट क्या है? क्या यह हैंडल में है? क्या यह बल्ले के अंदर है? मैंने इसके बारे में नहीं सुना है. जाहिर तौर पर यहां भारत में इसके बारे में बहुत कुछ कहा गया है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में नहीं. स्प्रिंग बैट जैसी कोई चीज नहीं होती. आप सभी को जाकर अपना होमवर्क करना चाहिए.” यानी रिकी पोंटिंग ने इससे साफ मना कर दिया. पोटिंग ने अपने उस ‘जादुई’ बल्ले को दुनिया के सामने फिर एक बार 2020 में रखा. उन्होंने कोविड पैनडेमिक के दौरान ट्विटर हैंडल पर उसकी फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि सभी अपने घर पर हैं और सबके पास समय है, तो मैं अपने कैरियर की चीजें साझा कर रहा हूं. यह रहा वह बैट जिससे मैंने 2003 के फाइनल मैच में बल्लेबाजी की थी.
Given we've all got a bit of time on our hands as we stay at home, thought I'd go through what I've kept from my career and share some of it with everyone on a regular basis – this is the bat I used in the 2003 World Cup final. pic.twitter.com/meoBP6NJvg
— Ricky Ponting AO (@RickyPonting) March 23, 2020
अपनी कप्तानी में दो विश्वकप-दो चैंपियंस ट्रॉफी दिलवाई
9 दिसंबर 1974 को ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया प्रान्त में जन्में रिकी थॉमस पोंटिंग आज पचास साल के हो रहे हैं. उन्होंने 19 साल की उम्र में अपना क्रिकेट कैरियर फरवरी 1995 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकदिवसीय मुकाबले से किया था. 2012 में संन्यास लेने वाले पोंटिंग ने 17 साल के अपने क्रिकेट कैरियर में 168 टेस्ट, 375 ओडीआई और 17 टी20I सहित कुल 560 इंटरनेशनल मैच खेले. अपनी कप्तानी में दो विश्वकप 2003 और 2007, दो चैंपियंस ट्रॉफी 2006 और 2009 जिताने वाले रिकी पोंटिंग 1999 में एकदिवसीय विश्वकप विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम के सदस्य भी रहे. निकनेम ‘पंटर’ के नाम से मशहूर रिकी ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए.
रिकी पोटिंग के रिकॉर्ड्स
पोंटिंग टेस्ट क्रिकेट में 13378 रन के साथ विश्व क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. एकदिवसीय मैचों में दुनिया के चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं. उन्होंने ओडीआई मैचों में 30 शतकों के साथ 13704 रन बनाए हैं. रिकी पोंटिंग ने भारत के खिलाफ 29 मैचों में 54.36 की औसत से 2555 रन बनाए। पोंटिंग ने इतने ही मैचों में 8 शतक और 12 अर्धशतक भी ठोके. वे दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में दूसरे स्थान पर हैं. उन्होंने अपनी कप्तानी में 324 मैचों में 220 मैच जीते. यह अपने आप में अद्भुत रिकॉर्ड हैं. पहले नंबर पर भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी हैं, जिन्होंने 332 मैचों में कप्तानी की, जिसमें से उन्होंने 178 मैच जीते. आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल पोंटिंग आजकल कमेंट्री करते रहे हैं और आईपीएल सहित दुनिया भर की लीग क्रिकेट में कोचिंग के रूप में अपनी सेवाएं देते हैं.
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