अपने यूट्यूब चैनल पर सलमान बट ने कहा, “पूरी दुनिया इस बारे में बात कर रही है. भारतीय टीम ने ऐसा फैसला लेकर क्रिकेट और फैंस को क्या संदेश देने की कोशिश की है? अगर आप पाकिस्तान के खिलाफ इस लीग मैच में नहीं खेल सकते, तो फिर वर्ल्ड कप या किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट में भी मत खेलो. ओलंपिक में भी नहीं. देखते हैं फिर कितना राष्ट्रवाद दिखा पाते हैं.”
सलमान बट का कहना है कि भारतीय खिलाड़ियों ने यह फैसला दबाव में लिया है. उन्होंने कहा, “4-5 खिलाड़ियों के न खेलने का फैसला लेने से बाकी टीम पर दबाव बन गया. 4-5 खिलाड़ियों के न खेलने की वजह से बाकी खिलाड़ी भी दबाव में आ गए, जबकि शायद कुछ खेलना चाहते थे. ये कैसी मानसिकता है? कौन ऐसे फैसले ले रहा है? मुझे समझ नहीं आता.”
गौरतलब है कि सबसे पहले भारत चैंपियंस के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने मैच से हटने की बात कही थी. इसके बाद हरभजन सिंह और इरफान पठान ने भी नाम वापस ले लिया, जिससे आयोजकों को मुकाबला रद्द करना पड़ा. पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी ने भी इस फैसले के लिए शिखर धवन को जिम्मेदार ठहराया था.
बट की तुलना बेबुनियाद
हालांकि, बट की ICC टूर्नामेंट और ओलंपिक से इस लीग की तुलना करना नाजायज लगती है. WCL एक रिटायर्ड क्रिकेटर्स की लीग है, न कि कोई आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट. इसमें खिलाड़ी भले ही भारत-पाकिस्तान के नाम से खेलते हैं, लेकिन यह प्रतिनिधित्व देश के लिए नहीं बल्कि एक निजी आयोजन का हिस्सा है. इसका असर न तो ICC के रिकॉर्ड्स में होता है, न ही इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर की मान्यता मिलती है.
इन्हें भी पढ़ें:-
IND vs ENG 4th टेस्ट की प्लेइंग XI, इरफान पठान ने इन दो खिलाड़ियों को शामिल करने की दी सलाह
100 टेस्ट मैच खेलने वाला क्रिकेटर, जिसे हार ने इतना तोड़ा कि ट्रेन से कटकर जान दे दी
नए फार्मूले के साथ सीरीज बराबर करने उतरेगा भारत, चौथे टेस्ट की रणनीति और प्लेइंग XI में होंगे ये बदलाव