वॉन ने ‘द टेलीग्राफ’ में अपने कॉलम में लिखा, ‘‘जब तीसरे दिन मैच में प्रतिद्वंद्विता अपने चरम पर पहुंच गई तो मुझे लग गया था कि इससे इंग्लैंड की टीम बाकी बचे मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाएगी. शुभमन गिल चौथे दिन बल्लेबाजी के लिए आए तो वह तकनीकी रूप से उतने मजबूत नजर नहीं आए और उनमें धैर्य की कमी भी दिखी लेकिन उनकी टीम ने इस रोमांचक टेस्ट मैच में सोमवार को कड़ी टक्कर दी.’’
स्टोक्स जैसा कप्तान इंग्लैंड को कभी नहीं मिला
उन्होंने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की प्रशंसा करते हुए कहा कि मेजबान टीम की रोमांचक जीत कप्तान की विजयी मानसिकता पर आधारित थी, जो पूरी टीम में दिखाई दी. वॉन ने कहा, ‘‘इंग्लैंड को बेन स्टोक्स जैसा कप्तान कभी नहीं मिला. ऐसा कप्तान जो कभी हार नहीं मानता. एक ऐसा कप्तान जो यह स्वीकार नहीं करता कि उसकी टीम के लिए खराब दौर चल रहा है तथा अपने कौशल और दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर मैच को अपने पक्ष में कर लेता है.’’
स्टोक्स ने मैच के हर विभाग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने पांच विकेट लिए और 44 तथा 33 रन का योगदान दिया. इसके अलावा उन्होंने पहली पारी में ऋषभ पंत को रन आउट किया जो मैच का निर्णायक मोड़ साबित हुआ.
वॉन ने कहा, ‘‘वह स्टोक्स ही थे जिन्होंने पहले दिन जो रूट के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया कि टीम अच्छे स्कोर तक पहुंच सके. वह स्टोक्स ही थे जिन्होंने तीसरे दिन भारत जब मैच पर नियंत्रण बना रहा था तब लंच से पहले शानदार रन आउट किया. और वह स्टोक्स ही थे जिन्होंने दोनों पारियों में अहम विकेट लिए. टेस्ट मैच में महत्वपूर्ण मोड़ पर किस तरह का खेल खेलना है यह उन्हें अच्छी तरह से आता है.’’
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