‘जाओ टेनिस या गोल्फ खेलो’, ऋषभ पंत की हालत देख ICC पर भड़के सुनील गावस्कर, बोले- बदल दो रूल बुक…

Sunil Gavaskar blasts over ICC on Concussion Rule: भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने आईसीसी की कन्कशन सब्स्टीट्यूट नीति को असंगत और अनुचित बताते हुए कड़ी आलोचना की. चौथे टेस्ट में ऋषभ पंत के पैर में फ्रैक्चर हुआ, लेकिन नियमों के तहत उनकी जगह कोई और बल्लेबाज नहीं उतर सका. गावस्कर ने सवाल उठाया कि जब सिर की चोट पर विकल्प मिलता है, तो साफ शारीरिक चोट पर क्यों नहीं?

By Anant Narayan Shukla | July 25, 2025 2:17 PM
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Sunil Gavaskar blasts over ICC on Concussion Rule: भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने आईसीसी की मौजूदा कन्कशन सब्स्टीट्यूट नीति की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने इसे असंगत और अनुचित बताया. मैनचेस्टर में भारत और इंग्लैंड के बीच चल रहे चौथे टेस्ट के दौरान ऋषभ पंत को भारतीय पारी के 68वें ओवर में क्रिस वोक्स की एक गेंद सीधे पैर पर जा लगी और उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया. पंत को एंबुलेंस से मैदान ले जाना पड़ा. लेकिन पंत की जगह कोई और खिलाड़ी बैटिंग नहीं कर सकता, क्योंकि आईसीसी के नियम इसकी इजाजत नहीं देते. सुनील गावस्कर ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कन्कशन के लिए सब्स्टीट्यूट की अनुमति है, तो फिर साफ-साफ चोट के मामलों में भी विकल्प होना चाहिए जैसे कि पंत के फ्रैक्चर हुए पैर के मामले में.

गावस्कर ने सोनी स्पोर्ट्स पर कहा, “मुझे हमेशा लगता है कि आप नाकामी के लिए समान विकल्प दे रहे हैं. अगर आप शॉर्ट पिच गेंदों का सामना नहीं कर सकते, तो टेस्ट क्रिकेट मत खेलिए, जाइए टेनिस या गोल्फ खेलिए. आप ऐसे खिलाड़ी को सब्स्टीट्यूट दे रहे हैं जो गेंद से चोटिल हुआ क्योंकि वो उसे झेल नहीं पाया.” गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद ऋषभ पंत ने भारत की पहली पारी में बल्लेबाजी की. पहले दिन 37 रन पर रिटायर्ड हर्ट होने के बाद वे दूसरे दिन लौटे और अपनी पारी में और 17 रन जोड़े. 54 रन बनाते हुए उन्होंने साहसी अर्धशतक जड़ा, जिससे टीम का स्कोर 358 तक पहुंचा. हालांकि, उनकी आगे की भागीदारी इस मैच में और संभवतः पूरी सीरीज में अब संदिग्ध है.

गावस्कर ने सवाल उठाया कि जब सिर पर चोट लगने पर सब्स्टीट्यूट की इजाजत है, तो फिर साफ दिखने वाली शारीरिक चोट के लिए क्यों नहीं? उन्होंने कहा, “यहां तो साफ-साफ एक चोट है. सब्स्टीट्यूट होना ही चाहिए. इसके लिए एक स्वतंत्र समिति बनाई जानी चाहिए, जिसमें मेडिकल एक्सपर्ट्स भी हों, जो ऐसे मामलों पर निर्णय लें.”

इस चर्चा में शामिल पूर्व इंग्लैंड कप्तान माइकल वॉन ने भी गावस्कर की बात से सहमति जताई और खेल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियमों में बदलाव की मांग की. वॉन ने कहा, “अगर फुटबॉल में कोई खिलाड़ी मैच की शुरुआत में पैर तुड़वा ले, तो उसकी जगह कोई और खेल सकता है. फिर क्रिकेट में ऐसा क्यों नहीं? पंत का पैर टूटा है. वो न इस मैच में दोबारा खेल पाएंगे और न अगले में. ऐसी स्थिति में समान विकल्प (लाइक टू लाइक इंजरी रिप्लेसमेंट) के लिए स्पष्ट प्रोटोकॉल जरूरी है.”

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