रिलॉन्च होगा चैंपियंस लीग टी20, क्या खत्म हो जाएगा टेस्ट क्रिकेट? ICC बड़े बदलाव की तैयारी में

Test Cricket: दुनियाभर में टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले केवल 12 देश हैं. टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता धीरे-धीरे कम होती जा रही है. ऐसे में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल इस प्रारूप में बड़े बदलाव की तैयारी में है. इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है और समिति इस साल के अंत तक अपना रिपोर्ट दे सकती है. आईसीसी टेस्ट से और अधिक राजस्व जुटाना चाहता है और इसी वजह से ये बदलाव करने की तैयारी की जा रही है.

By AmleshNandan Sinha | July 20, 2025 7:03 PM
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Test Cricket: 1877 में टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत के बाद से अब तक सिर्फ 12 टीमों को टेस्ट दर्जा मिला है. अफगानिस्तान को 2018 में टेस्ट क्रिकेट का दर्जा मिला था, जो अब तक की आखिरी टीम रही है. सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के अनुसार, सिंगापुर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के वार्षिक सम्मेलन में प्रमुख सदस्य देशों के जोरदार समर्थन के बाद, अगले साल सितंबर की शुरुआत में पुरुषों की चैंपियंस लीग टी20 को फिर से शुरू किया जाएगा. टेस्ट क्रिकेट के भविष्य पर भी चर्चा हो रही है, जिसमें दो-डिवीजन प्रारूप शुरू करने पर विचार किया जा रहा है. बंद दरवाजों के पीछे हुई इस चर्चा से वाकिफ सूत्रों के अनुसार, ICC ने अब 2027 से शुरू होने वाले वैश्विक क्रिकेट कैलेंडर पर नये सिरे से काम करने के लिए एक कार्य समूह का गठन किया है. टेस्ट क्रिकेट के ढांचे पर कोई भी फैसला साल खत्म होने से पहले लिया जा सकता है. Champions League T20 relaunched will Test cricket end ICC is preparing for a big change

इस साल के अंत तक होगा फैसला

इस बात की चर्चा जोरों पर है कि टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले देशों की संख्या सीमित की जा सकती है. केवल कुछ ही देश पारंपरिक प्रारूप से राजस्व अर्जित कर पाते हैं और कई अन्य देशों के पास मजबूत टेस्ट टीमें बनाने के लिए बुनियादी ढांचे और प्रणालियों का अभाव है. आईसीसी के कैलेंडर वर्किंग ग्रुप में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ टॉड ग्रीनबर्ग, इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के प्रमुख रिचर्ड गोल्ड और आईसीसी के नवनियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजोग गुप्ता शामिल हैं. इस समूह द्वारा इस साल के अंत से पहले जय शाह की अध्यक्षता वाले आईसीसी बोर्ड के समक्ष अंतरिम निष्कर्ष पेश करने की उम्मीद है.

संजोग गुप्ता को मिली बड़ी जिम्मेदारी

संजोग गुप्ता वैश्विक खिलाड़ियों के निकाय द्वारा संकलित क्रिकेट कैलेंडर पर हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में शामिल थे. उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह भी कहा है कि आने वाले वर्षों में खेले जाने वाले टेस्ट और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की मात्रा अंततः बाजार की मांग पर ही निर्भर करेगी. सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के अनुसार, गुप्ता ने 2023 में लॉर्ड्स में एमसीसी के वर्ल्ड क्रिकेट कनेक्ट्स पैनल पर कहा, ‘आपको कठिन विकल्प चुनने होंगे. आपको यह देखना है कि प्रशंसक क्या चाहते हैं, इसके बहुत स्पष्ट संकेत हैं. खेल किस दिशा में जा रहा है, यह बताने के लिए पर्याप्त आंकड़े मौजूद हैं.’

टेस्ट क्रिकेट में होगा पैसों का दबदबा

उन्होंने कहा, ‘यदि आप ऐसे उत्पाद परोसते रहेंगे जिसे कोई नहीं चाहता, तो एक तो उस उत्पाद को नुकसान होता रहेगा और दूसरा – उस उत्पाद के आसपास का पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित होता रहेगा. ब्लैकबेरी किसी समय गायब हो गया था. यह एक ऐसा उपकरण था जो हम सभी के पास था. यह एक ऐसा उपकरण था जिसे हम सभी इस्तेमाल करने की फिराक में रहते थे, फिर यह गायब हो गया और इसकी जगह दूसरे उत्पाद ने ले ली.’ इस उदाहरण के साथ संजोग गुप्ता ने टेस्ट क्रिकेट में होने वाले बड़े बदलाव के संकेत दे दिए हैं. अब यह देखना बाकी है कि उन बदलावों का टेस्ट क्रिकेट पर क्या असर पड़ता है.

2014 में बंद हो गई थी टी20 चैंपियंस लीग

टी-20 चैंपियंस लीग, जो 2008 में शुरू हुई थी, 2014 तक चली. अंततः इसे बंद कर दिया गया, जब प्रसारण अधिकारों के लिए 1 बिलियन डॉलर का भारी भुगतान करने वाले ईएसपीएन स्टार ने इससे हटने का निर्णय लिया. उस समय, इस लीग में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई), क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका की भागीदारी थी. दिलचस्प बात यह है कि उस सौदे से प्राप्त प्रसारण राजस्व ने बिग बैश लीग के शुरुआती वर्षों के वित्तपोषण में भी मदद की, जो तब से ऑस्ट्रेलिया में एक बड़ी व्यावसायिक सफलता बन गई है. उन शुरुआती दिनों से, वैश्विक टी20 परिदृश्य में व्यापक बदलाव आया है. आज, कई शीर्ष खिलाड़ी साल भर में कई लीगों में भाग लेते हैं, कभी-कभी तो चार या पांच अलग-अलग लीगों में भी. यह चैंपियंस लीग की व्यवस्था और टीम चयन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करेगा.

टेस्ट दर्जा प्राप्त देश

ऑस्ट्रेलिया (15 मार्च 1877)
इंग्लैंड (15 मार्च 1877)
दक्षिण अफ्रीका (12 मार्च 1889)
वेस्टइंडीज (23 जून 1928)
न्यूजीलैंड (10 जनवरी 1930)
भारत (25 जून 1932)
पाकिस्तान (16 अक्टूबर 1952)
श्रीलंका (17 फरवरी 1982)
जिम्बाब्वे (18 अक्टूबर 1992)
बांग्लादेश (10 नवंबर 2000)
आयरलैंड (11 मई 2018)
अफगानिस्तान (14 जून 2018)

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