गंभीर को टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद टीम इंडिया का हेड कोच नियुक्त किया गया था. उनके नेतृत्व में भारत ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 13 जीत और सिर्फ 2 हार का रिकॉर्ड बनाया. हालांकि टेस्ट क्रिकेट में भारत को पहले न्यूजीलैंड से क्लीन स्वीप, फिर ऑस्ट्रेलिया से हार और अब इंग्लैंड के खिलाफ 1-2 से पिछड़ने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.
हरभजन ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, “मुझे लगता है अगर इसे लागू किया जा सकता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है. जैसे खिलाड़ियों की टीम अलग होती है, वैसे ही कोच भी फॉर्मेट के अनुसार अलग हो सकते हैं. यह एक अच्छा विकल्प है. इससे हर किसी का कार्यभार कम होगा, कोच का भी.”
कोच को भी तो आराम की जरूरत
उन्होंने आगे कहा, “कोच को भी किसी सीरीज की तैयारी करने का समय मिलना चाहिए. जैसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 टेस्ट, फिर इंग्लैंड, फिर कहीं और. ऐसे में कोच अपना प्लान बना सकता है और टीम को ठीक से दिशा दे सकता है.” हरभजन ने यह भी जोड़ा, “अगर आप सालभर एक ही कोच से हर फॉर्मेट का काम करवाएंगे तो उसके लिए भी यह थका देने वाला हो सकता है. उसकी भी एक फैमिली है, जिम्मेदारियां हैं. लगातार यात्रा करना आसान नहीं होता. तो हां, मेरी राय में रेड बॉल और वाइट बॉल कोचिंग को अलग करना एक अच्छा कदम होगा.”
बीसीसीआई कर सकता है गौर
भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ तो जीती, लेकिन फिर न्यूजीलैंड से क्लीन स्वीप हार मिली और ऑस्ट्रेलिया से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी गंवा दी. भारत ने कभी इस तरह की स्प्लिट कोचिंग पर गौर नहीं किया है, लेकिन पिछले कुछ समय से वीवीएस लक्ष्मण भारतीय टी20 क्रिकेट टीम के लिए ये भूमिका निभा चुके हैं. बीसीसीआई बहुत संभव है कि इस विषय पर इंग्लैंड सीरीज पर विचार करे.
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