मांजरेकर ने शुभमन गिल को बताया कहां हो रही चूक, इस खिलाड़ी के लिए कहा- ‘वह खुद को साबित नहीं कर पाया’

Sanjay Manjrekar on Shubman Gill's Captaicy: इंग्लैंड दौरे पर रोहित और कोहली के बिना उतरी युवा भारतीय टीम की कप्तानी शुभमन गिल को सौंपी गई है. 2007 के बाद पहली सीरीज जीत की चुनौती के साथ गिल ने पहले तीन टेस्ट में संघर्ष किया, लेकिन टीम 2-1 से पीछे है. संजय मांजरेकर के मुताबिक, पहली बार कप्तानी कर रहे गिल पर जिम्मेदारी का बोझ है और उन्हें…

By Anant Narayan Shukla | July 26, 2025 1:12 PM
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Sanjay Manjrekar on Shubman Gill’s Captaicy: इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम की रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर बल्लेबाजों के बिना पहुंची है. इस युवा टीम की कमान 25 वर्षीय शुभमन गिल के कंधों पर है. उनका लक्ष्य था एक ऐतिहासिक सीरीज जीत दर्ज करना. यह चुनौती बेहद कठिन थी, क्योंकि भारत 2007 के बाद से इंग्लैंड के किसी भी दौरे पर टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है. लीड्स से लेकर लंदन तक भारत ने कड़ा मुकाबला किया, लेकिन पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से पीछे चल रहा है. हालांकि चौथे टेस्ट की कहानी पहले तीन मुकाबलों से बिलकुल अलग रही है. पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का मानना है कि शुभमन गिल के कंधों पर भारी जिम्मेदारी है. लेकिन उनको इंग्लैंड में अपनी पहली कप्तानी की भूमिका ने मुश्किलों में डाल दिया है.

मैनचेस्टर में खेले जा रहे इस मुकाबले में भारत पूरी तरह लड़खड़ाया हुआ नजर आया, जबकि इंग्लैंड ने मैच पर पकड़ मजबूत कर ली है. तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने 544/7 रन बनाकर भारत के 387 रनों का जवाब दिया और जो रूट के 150 रनों की बदौलत 186 रनों की मजबूत बढ़त हासिल कर ली है. कप्तान बेन स्टोक्स 77 रन बनाकर क्रीज पर नाबाद हैं और अब वह स्कोर को जितना संभव हो बढ़ाकर इंग्लैंड को 3-1 की अजेय बढ़त दिलाना चाहेंगे. कमेंटेटर मांजरेकर ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत की गिरावट के पीछे कई कारण बताए.

अंशुल खुद को साबित नहीं कर पाए

मांजरेकर ने जियोहॉटस्टार पर कहा, “शुभमन गिल का यह इंग्लैंड में बतौर बल्लेबाज पहला दौरा है और साथ ही उन्हें कप्तानी का भी भारी जिम्मा मिला है. उन्होंने पहले तीन टेस्ट में अच्छी लड़ाई लड़ी, लेकिन चौथा टेस्ट भारत की पहुंच से थोड़ा दूर लग रहा है, खासकर मौजूदा संसाधनों और चुनौतियों को देखते हुए. आकाश दीप की चोट ने गेंदबाजी को कमजोर कर दिया, जिन्होंने पिछले टेस्ट में 10 विकेट लिए थे. उनकी जगह अंशुल कंबोज को लिया गया, लेकिन वे टेस्ट स्तर पर खुद को साबित नहीं कर पाए.” आकाश दीप और नितीश कुमार रेड्डी की चोटों ने भारत की फाइनल प्लेइंग इलेवन की संतुलित संरचना को बिगाड़ दिया. इसके चलते भारत को अंशुल कंबोज को तुरंत टीम में शामिल करना पड़ा, लेकिन वे टेस्ट क्रिकेट की मांगों पर खरे नहीं उतर सके.

स्पिन एरिया जहां भारत को सुधार की जरूरत है

तेज गेंदबाजों जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, अंशुल कंबोज और शार्दुल ठाकुर ने मिलकर 83 ओवर फेंके और केवल तीन विकेट लिए. वहीं रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर की स्पिन जोड़ी ने 52 ओवर में चार विकेट झटके. मांजरेकर ने दोहराया कि स्पिनर्स को भारत की योजना में अक्सर बाद में सोचा जाता है. उन्होंने कहा, “एक क्षेत्र जहां भारत सुधार कर सकता था, वह है गेंदबाजी संयोजन. सीमरों ने लगभग 82 ओवर में सिर्फ तीन विकेट लिए, जबकि स्पिनरों ने 52 ओवर में चार विकेट झटके. यह एक ऐसा पहलू है जिसे दोबारा सोचने की जरूरत है. हालांकि, मोहम्मद सिराज का प्रदर्शन खास रहा उन्होंने आखिरी तक दिल से गेंदबाजी की, यह देखना अच्छा लगा.” 

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