पहली एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पांचवें और अंतिम टेस्ट के आखिरी दिन मुकाबला सांसें थाम देने वाला रहा. समीकरण साफ था इंग्लैंड को 374 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत के लिए 35 रन चाहिए थे और भारत को सीरीज 2-2 से बराबर करने के लिए सिर्फ चार विकेट की दरकार थी. दूसरे छोर पर टूटी हुई कंधे की हड्डी के बावजूद डटे हुए क्रिस वोक्स थे, जबकि गस एटकिंसन ने लक्ष्य को घटाकर सिर्फ 7 रन कर दिया और इंग्लैंड के पास एक विकेट बचा था. इसी निर्णायक क्षण से पहले गंभीर ने खिड़की से झांककर अपने खिलाड़ियों को कुछ निर्देश दिए. जब मोहम्मद सिराज उस समय आग उगल रहे थे, वे एटकिंसन की ओर दौड़े, गंभीर और कोचिंग स्टाफ सांसें थामकर देख रहे थे. सिराज की तेज रफ्तार यॉर्कर एटकिंसन के बल्ले से चूक गई और ऑफ स्टंप को उखाड़ फेंका. इसी के साथ भारत ने 6 रन से जीत दर्ज कर सीरीज 2-2 से बराबर कर ली.
खुशी से आंसू गौतम गंभीर के आंसू छलके
बीसीसीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें ड्रेसिंग रूम के भीतर के नजारे सामने आए. जब प्रसिद्ध कृष्णा ने जोश टंग को 12 गेंदों पर शून्य पर बोल्ड किया, तो गंभीर खुशी से उछल पड़े और जोरदार तालियां बजाने लगे. गंभीर ने गेंदबाजी कोच मॉर्नी मोर्कल को देखा और दोनों ने गर्मजोशी से एक-दूसरे को गले लगाया. लंबे कद वाले दक्षिण अफ्रीकी ने गंभीर को हवा में उठा लिया और गंभीर ने खुशी से दहाड़ लगाई. इसके बाद वे मैदान पर गए, कप्तान शुभमन गिल और बाकी खिलाड़ियों को गले लगाया और पूरी टीम ने द ओवल में विजय का चक्कर लगाया.
एक्स पर जताई प्रसन्नता
सिराज खुशी से दौड़ते हुए अपना मशहूर ‘सुई’ सेलिब्रेशन करने लगे और साथी खिलाड़ियों ने उन्हें घेर लिया. गंभीर ने असिस्टेंट कोच रयान टेन डोशाटे को गले लगाया और बाकी स्टाफ भी जश्न में शामिल हो गया. भारत की इस ऐतिहासिक जीत के बाद गंभीर का संदेश बेहद सीधा था. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “हम जीतेंगे भी, हारेंगे भी… लेकिन कभी हार नहीं मानेंगे! शाबाश लड़कों!”
गंभीर की मुश्किलें थोड़ी कम हुईं
यह जीत गंभीर के लिए बेहद खास थी, क्योंकि पिछले साल अक्टूबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज से शुरू हुए मुश्किल दौर के बाद उन्हें यह बड़ी सफलता मिली. अब भारत की अगली टेस्ट सीरीज दो मैचों की घरेलू सीरीज होगी, जिसमें टीम का सामना वेस्टइंडीज से होगा और गंभीर इंग्लैंड जैसी सफलता दोहराने की कोशिश करेंगे.
कैसा रहा इस मैच का हाल
मैच की शुरुआत भारत के लिए उतनी अच्छी नहीं रही थी. टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया की पहली पारी लड़खड़ा गई और पूरी टीम 224 रन पर सिमट गई. करुण नायर को छोड़कर कोई बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं पहुंच सका. इंग्लैंड ने जैक क्रॉली और बेन डकेट की तेज़ साझेदारी से बढ़िया शुरुआत की, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने वापसी करते हुए मेजबानों को 247 पर ढेर कर दिया. इस तरह भारत पहली पारी में 23 रन से पीछे रहा.
दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने लय पकड़ी और 396 रन बनाकर इंग्लैंड को 374 का मुश्किल लक्ष्य दिया. इंग्लैंड की ओर से हैरी ब्रूक और जो रूट ने शतक जमाकर जीत की उम्मीद जगा दी थी और एक समय स्कोर 301/3 था, लेकिन इन दोनों के आउट होते ही मैच का रुख पलट गया. इंग्लैंड की पूरी टीम 367 पर ढेर हो गई और भारत ने यादगार जीत हासिल की. गेंदबाजों के इस प्रदर्शन ने न सिर्फ मैच, बल्कि पूरी सीरीज की तस्वीर बदल दी.
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सांसें रोक देने वाली वो 13 गेंदें, एटकिंसन ने दो बार छीन ही लिया था भारत से मैच