जो विराट ने हासिल किया, रोहित भी कर सकते थे, लेकिन…, अश्विन ने बताया इससे चूक गए हिटमैन

Ravichandran Ashwin on Virat Kohli and Rohit Sharma Retirement: रविचंद्रन अश्विन के बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी इन तीनों ही खिलाड़ियों की आखिरी सीरीज रही. अश्विन ने विराट के संन्यास के बाद रोहित शर्मा के बारे में कहा कि वे भी वहां पहुंच सकते थे, जहां विराट ने समाप्त किए, लेकिन चोट के कारण नहीं पहुंच पाए.

By Anant Narayan Shukla | May 13, 2025 8:31 AM
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Ravichandran Ashwin on Virat Kohli and Rohit Sharma Retirement: रविचंद्रन अश्विन ने विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट संन्यास को लेकर बात करते हुए कहा कि चाहे कोई खिलाड़ी कितना भी महान क्यों न हो, एक दिन उसे खेल को अलविदा कहना ही पड़ता है. उन्होंने विराट की ऊर्जा की तारीफ की और रोहित के संभावित करियर पर अफसोस जताया, यह कहते हुए कि अगर उन्हें शुरुआती चोट नहीं लगी होती, तो वे भी कोहली जैसी ऊंचाइयों तक पहुंच सकते थे. अश्विन ने यह भी स्वीकार किया कि उनके अपने प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव रहा, जो उनके संन्यास का कारण बना.

भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में भारत के दो सबसे बड़े क्रिकेट सितारों विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास पर खुलकर बात की. अपने यूट्यूब चैनल पर अश्विन ने भावुक टिप्पणी करते हुए कहा, “कोई खिलाड़ी कितना भी महान क्यों न हो, चाहे वो सचिन तेंदुलकर ही क्यों न हों, एक दिन उन्हें भी संन्यास लेना ही पड़ता है. यही खेल की प्रकृति है.”

अश्विन ने दोनों खिलाड़ियों के शानदार करियर की सराहना की और कहा कि विराट ने जहां ऐतिहासिक ऊंचाइयों को छुआ, वहीं रोहित भी ऐसा कर सकते थे. उन्होंने कहा, “जितना विराट कोहली का हुआ, उतना रोहित शर्मा का भी हो सकता था.” उन्होंने बताया कि रोहित अपने टेस्ट डेब्यू से ठीक पहले टखने की चोट के कारण बाहर हो गए थे और उसी वजह से वे 100 टेस्ट नहीं खेल सके.

विराट कोहली ने 123 टेस्ट मैचों में शिरकत करते हुए 9270 रन बनाए, जिसमें उन्होंने 31 शतक लगाए. वहीं रोहित शर्मा 67 टेस्ट मैचों का हिस्सा बने, जिसकी 116 पारियों में उन्होंने 4301 रन बनाए. विराट ने 2011 में अपना लाल गेंद का कैरियर वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्समीड में शुरू किया था, जबिक रोहित ने 2013 में ईडन गार्डंस में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था. उन्होंने अपने पहले ही मैच में 177 रन की पारी खेलकर तहलका मचा दिया था. 

अश्विन के अनुसार, दोनों खिलाड़ियों ने खेल को कुछ खास दिया. विराट ने अपनी अपार ऊर्जा और आक्रामकता से, जबकि रोहित ने अपनी शांति और स्थिरता से. रोहित ने 24 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिसमें 12 जीत, 9 हार मिली, जबकि 3 मैच ड्रॉ रहे. वहीं विराट कोहली ने 68 टेस्ट मैचों में भारत का नेतृत्व किया, जिसमें 40 मैचों में जीत के रिकॉर्ड के साथ वह भारत के सबसे सफल कप्तान रहे. अब जब दोनों टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, तो भारतीय टीम को उनकी कमी निश्चित तौर पर खलेगी, क्योंकि टीम एक नए दौर में प्रवेश कर रही है. 

विराट कोहली ने न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कठिन सीरीज के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की. उन्होंने पर्थ में शानदार शतक के साथ अपना टेस्ट करियर खत्म किया, लेकिन उसके बाद के मैचों में वह लय बरकरार नहीं रख सके. वहीं दूसरी ओर, रोहित शर्मा ने भी टेस्ट क्रिकेट में कई उतार-चढ़ाव देखे. घरेलू मैदानों पर जबरदस्त बल्लेबाजी करने वाले रोहित विदेशी परिस्थितियों में लय हासिल नहीं कर पाए. बांग्लादेश और न्यूजीलैंड में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उनके भविष्य पर सवाल उठने लगे. कुछ अच्छी पारियों के बावजूद वह फॉर्म में वापसी नहीं कर सके और आखिरकार उनका संन्यास भी तय हो गया.

अश्विन का खुद का करियर भी हाल के समय में मिलाजुला रहा. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में 2021-22 में शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए 11 विकेट और एक शतक बनाया, लेकिन बाद में उनके खेल में गिरावट दिखने लगी. उन्हें कई अहम मैचों से बाहर रखा गया और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में पांच मैचों की सीरीज के बीच में तीसरे मैच के बाद ही संन्यास ले लिया. यानी एक तरह से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी ने तीनों खिलाड़ियों के कैरियर पर विराम लगा दिया. अब जब भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के नए चक्र की शुरुआत कर रहा है, तो टीम को कोहली, रोहित और अश्विन जैसे तीन वरिष्ठ खिलाड़ियों के बिना आगे बढ़ना होगा और अब नजरें अगली पीढ़ी पर टिकी हैं.

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