जब मैल्कम मार्शल ने टूटे हाथ से पूरा करवाया शतक और गेंदबाजी में झटके 7 विकेट, विश्व क्रिकेट में फिर ऐसा नहीं दिखा

When Malcolm Marshall mastered the art of one-handed cricket: 14 जुलाई 1984, हेडिंग्ले टेस्ट में इंग्लैंड वेस्टइंडीज से भिड़ रहा था और मैच में बना हुआ था. गली में फील्डिंग करते हुए मैल्कम मार्शल का बायां अंगूठा दो जगह से टूट गया और डॉक्टरों ने उन्हें 10 दिन क्रिकेट से दूर रहने की सलाह दी. लेकिन दुनिया का सबसे खतरनाक गेंदबाज चोटिल होने के बावजूद मैदान पर उतरा और इतिहास रच दिया.

By Anant Narayan Shukla | August 4, 2025 8:23 AM
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When Malcolm Marshall mastered the art of one-handed cricket: भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां टेस्ट ऐसे मोड़ पर है, जहां से दोनों में से कोई भी टीम जीत का सेहरा पहन सकती है. इंग्लैंड को मैच के आखिरी दिन जीत के लिए 35 रन बनाने हैं, तो भारत को 3 या 4 विकेट लेने हैं. भारत को विकेट 3 लेने हैं या 4? दरअसल यही बात परेशानी बढ़ाने वाली है. इसी मैच की पहली इनिंग में क्रिस वोक्स करुण नायर का चौका बचाने के चक्कर में अपना कंधा चोटिल कर बैठे और मैच से बाहर कर दिए गए. लेकिन अब यह मैच ऐसी स्थिति में पहुंच चुका है, जहां से 374 रन का मुश्किल लक्ष्य, इंग्लैंड के लिए प्राप्त करना आसान दिख रहा है, जिसमें जो रूट और हैरी ब्रूक के शतकों का बड़ा योगदान है. लेकिन क्या वोक्स अपने चोटिल कंधे से बैटिंग करने उतरेंगे? तो इसका जवाब है- हां. एक हाथ से बैटिंग और जीत की आशा. लेकिन ऐसा अगर हुआ, तो यह पहली बार नहीं होगा. इससे पहले यह अजूबा हो चुका है, जब वेस्टइंडीज के महान गेंदबाज मैल्कम मार्शल ने यह कारनामा किया था. मार्शल ने टूटे हाथ से न सिर्फ बल्लेबाजी की, बल्कि गेंदबाजी करते हुए 7 विकेट भी झटके. (When Malcolm Marshall helped completing a century with a broken hand and took 7 wickets in bowling.)

द टाइम्स के पूर्व चीफ स्पोर्ट्सराइटर और 20 से अधिक किताबों के लेखक साइमन बार्न्स ने ईएसपीएन के क्रिकेट मंथली के लिए लिखते हुए इस घटना का वर्णन कुछ इस तरह किया है. मैंने क्रिकेट मैदान पर जो सबसे डरावना दृश्य देखा, वह पारी के बीच के अंतराल में हुआ. इसमें एक तरह की फिजिकल एक्सरसाइज शामिल थी. यह अब तक की सबसे महान टीमों में से एक का परफेक्ट दृश्य था. बस एक खिलाड़ी को वार्म-अप करते देखना भी इंग्लैंड टीम के लिए असहनीय हो गया था. 14 जुलाई 1984. मैल्कम मार्शल बाएं हाथ में प्लास्टर बांधे, एक हाथ से बल्लेबाजी करने उतरे, ताकि लैरी गोम्स अपना शतक पूरा कर सकें. इसके बाद वे लौटे और दूसरी पारी में इंग्लैंड को सात विकेट लेकर आउट कर दिया. (When Malcolm Marshall’s broken hand broke England)

यह घटना 14 जुलाई 1984 में हेडिंग्ले की है, विपक्षी टीम थी वेस्टइंडीज. इंग्लैंड ठीक-ठाक कर रहा था. सीरीज में 2-0 से पीछे होने के बावजूद वे मैच में थे. उन्होंने 270 रन बनाए और वेस्टइंडीज को पॉल एलॉट के सामने संघर्ष करना पड़ा, जिन्होंने 61 रन देकर 6 विकेट लिए. लेकिन इंग्लैंड के लिए इससे भी अच्छी खबर आई. मैलकम मार्शल घायल हो गए. उन्होंने गली में फील्डिंग करते हुए, क्रिस ब्रॉड के शॉट को रोकने की कोशिश में, बाएं हाथ का अंगूठा दो जगह से तोड़ लिया. डॉक्टरों ने उन्हें दस दिन तक क्रिकेट के बारे में सोचने से भी मना कर दिया. यानी एक झटके में दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाज को इंग्लैंड के रास्ते से हटा दिया गया. ड्रेसिंग रूम में ब्रॉड के लिए जाम उठाया गया होगा.

क्रिकेट लेखक अरुणाभ सेनगुप्ता उस दिन को याद करते क्रिकेट कंट्री वेबसाइट के लिए लिखते हुए कहते हैं, हेडिंग्ले का तीसरा दिन. लैरी गोम्स ने दोबारा देखा, मानो उन्हें यकीन ही न हो. वह खुद को पवेलियन लौटने के लिए तैयार कर चुके थे, वे 96 रन पर नाबाद थे. उन्होंने बॉब विलिस की गेंद को खाली मिड-ऑन की तरफ खेला और दो रन के लिए दौड़े. दूसरी ओर, विशालकाय जोएल गार्नर ने दौड़ते वक्त क्रीज की ओर देखते हुए एक बड़ी गलती कर दी. उनके लंबे-लंबे कदम भी थ्रो को मात नहीं दे सके और वे रन आउट हो गए.

वेस्टइंडीज का स्कोर 290 पर नौ विकेट था. लेकिन बाएं हाथ के बल्लेबाज लैरी अपने शतक से सिर्फ चार रन दूर थे. मैल्कम मार्शल खेलने के काबिल नहीं थे. पहले दिन क्रिस ब्रॉड का शॉट रोकने की कोशिश में उनकी उंगली दो जगह से टूट गई थी. वह मैदान से बाहर चले गए थे और उन्हें कम से कम दस दिन क्रिकेट न खेलने की सलाह दी गई थी. सबको लगा कि पारी खत्म हो चुकी है. लेकिन जैसे ही गोम्स ने हेडिंग्ले पवेलियन की ओर देखा, उनकी नजर बारबाडोस के गेंदबाज पर पड़ी जो सीढ़ियों से उतरते हुए आ रहे थे. उनके बाएं हाथ में प्लास्टर था, चेहरे पर हल्की मुस्कान और पीठ पर सम्मान की तालियां. (When Malcolm Marshall fought with one arm tied)

मार्शल आराम से नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े हो गए, जबकि विलिस फिर से गेंदबाजी करने दौड़े. गोम्स ने ऑन-साइड में गेंद खेली और दौड़ पड़े. मार्शल ने तुरंत जवाब दिया और तेज दौड़े. डीप में डेरिक प्रिंगल गेंद को साफ तौर पर नहीं पकड़ सके और दोनों बल्लेबाज दो रन पूरा करने में सफल रहे. इसके बाद फील्ड को आगे लाया गया और गोम्स ने पहली बार गेंद को हवा में खेला. सीधा नीचे की ओर, गेंद गेंदबाज के पार निकल गई और उनका शतक पूरा हो गया. मार्शल के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई.

अगले ओवर की पहली गेंद पर वह लगभग झुक कर हंस रहे थे, दर्द से नहीं, बल्कि हंसी से. दाहिने हाथ में बल्ला थामे, उन्होंने पॉल एलॉट की आउटस्विंगर पर जोरदार स्विंग किया लेकिन चूक गए. इस मजेदार नजारे को सबसे ज्यादा उन्होंने खुद ही एंजॉय किया. फिर वह यादगार पल आया, जब एलॉट ने शॉर्ट गेंद डाली और मार्शल ने बल्ले का मुंह खोलकर, एक हाथ से, गली के पार चौका जड़ दिया. यहां तक कि यॉर्कशायर के दर्शकों ने भी तालियां बजाईं. चमत्कार ज्यादा देर नहीं चला, मार्शल ने फिर शॉट लगाने का प्रयास किया, लेकिन किनारा लगा और इयान बॉथम ने स्लिप में शानदार कैच लपका. मार्शल चार रन बनाकर लौटे, लेकिन अपने साथ ढेर सारा सम्मान और प्रशंसा ले गए. गोम्स 104 पर नाबाद रहे और वेस्टइंडीज की बढ़त 32 रन की थी.

असली खेल तो अभी बाकी था

साइमन बार्न्स ने लिखा कि यह सब देखने में मजेदार था, लेकिन अब असली क्रिकेट तो अभी शुरू होना था. इंग्लैंड को अब एक चार-गेंदबाजी वाले आक्रमण के खिलाफ बैटिंग करनी थी, जो अब तीन पर सिमट चुका था और सबसे बढ़िया बात जो गायब था, वह सबसे डरावना गेंदबाज था. इंग्लैंड के बल्लेबाज पूरे सीजन में पहली बार हल्के मन से मैदान में उतरने को तैयार थे. लेकिन फिर उन्होंने खिड़की से बाहर देखा.

मार्शल डर का सबसे बेहतरीन इस्तेमाल करने वाले गेंदबाज थे, लेकिन साथ ही अपने दिमाग और विविध कौशल का इस्तेमाल करने वाले भी. यह वेस्टइंडीज टीम अपनी पेशेवर तैयारी और फिटनेस पर गर्व करती थी. वे सभी बेहतरीन फिट थे, लेकिन इसका दिखावा नहीं करते थे, बस मैदान में उतरकर काम कर देते थे. लेकिन इस बार उन्होंने अलग नीति अपनाई.

वे इंग्लैंड ड्रेसिंग रूम के ठीक सामने फिजिकल ड्रिल करने उतरे और उनमें हाथ में सफेद प्लास्टर के कारण साफ नजर आने वाले मार्शल भी थे. इंग्लैंड के बल्लेबाज सामान्य परिस्थितियों में मार्शल का सामना करने को तैयार रहते थे. सच है, मार्शल ने पहले टेस्ट में एंडी लॉयड के अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत कर दिया था, जब लॉयड ने एक न बाउंसर गेंद पर झुकने की कोशिश की थी. लेकिन अब जब वे उनसे बच निकले थे, यह उनके लिए अद्भुत राहत थी. लेकिन बचने के बाद फिर उसी खतरे का लौट आना यह डरावने अनुभव से कम नहीं था. मैं उस शनिवार शाम वहां मौजूद था. थोड़े समय की गेंदबाजी होनी थी और फिर एक रेस्ट डे था. इसलिए मार्शल ने थोड़ा हल्का गेंदबाजी की. (When Malcolm Marshall turned pain into pace)

अरुणाभ सेनगुप्ता ने आगे बताया कि मार्शल की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. इंग्लैंड की दूसरी पारी शुरू हुई तो वह मैदान पर लौट आए, किर्कस्टॉल लेन एंड से नई गेंद संभाली. उनके सफेद प्लास्टर पर गुलाबी पट्टी ऐसे थी मानो सजावट हो. गेंद पकड़ने के लिए उनके पास सिर्फ एक हाथ था. फिर भी, वह अपने पुराने खतरनाक अंदाज में दौड़े और आग की तरह रफ्तार से गेंदबाजी शुरू कर दी. बल्लेबाजों ने आपत्ति जताई कि उनका सफेद प्लास्टर वाला हाथ ध्यान भटका रहा है. तो मार्शल ने उसे इलास्टोप्लास्ट से ढक लिया और गेंदबाजी जारी रखी.

जिस बल्लेबाज के शॉट से उनकी उंगली टूटी थी, वह सबसे पहले शिकार बना. गेंद तेजी से उठी और ब्रॉड बस उसे टाल पाए. बैकवर्ड स्क्वेयर लेग पर एल्डाइन बैप्टिस्ट ने कैच पकड़ लिया. दूसरी ओर, गार्नर ने पदार्पण कर रहे पॉल टैरी को जल्दी ही आउट कर दिया. इंग्लैंड का स्कोर 13 पर दो विकेट. इसके बाद दोनों बाएं हाथ के बल्लेबाज, ग्राहम फाउलर और कप्तान डेविड गॉवर ने पारी संभाली. उन्होंने चौकों से स्कोर बढ़ाया और जल्द ही घाटा पाट दिया. चाय तक स्कोर 85 पर दो विकेट था, दोनों बल्लेबाज 37 रन पर सेट दिख रहे थे.

ब्रेकथ्रू और सुनहरे स्पेल की शुरुआत

इसके बाद ब्रेकथ्रू स्पिन से मिला. रोजर हार्पर ने हल्का टर्न लेते हुए गॉवर के बल्ले का किनारा लिया. स्कोर 104 पर तीन विकेट हो गया और मार्शल एक बार फिर से किर्कस्टॉल एंड से गेंदबाजी करने आए और कहानी बदल गई. फाउलर ने अभी-अभी पचासा पूरा किया था कि एक गेंद उछलकर उनके पास आई. चौंके हुए बल्लेबाज ने हल्का-सा धक्का दिया और मार्शल ने अपने एकमात्र फिट हाथ से रिटर्न कैच लपक लिया.

एक रन बाद ही, पहली पारी के शतकवीर एलन लैम्ब को एक गेंद ने जोरदार अंदर की ओर काटा, पैड पर लगी और अंपायर ने उंगली उठा दी. स्कोर 107 पर पांच विकेट. बॉथम और विकेटकीपर पॉल डाउंटन ने दिन खत्म करने के लिए जूझना शुरू किया, लेकिन स्टंप से ठीक पहले गार्नर की एक बाउंसी लेग-कटर ने बॉथम का किनारा लिया और स्लिप में कैच हो गया. इंग्लैंड 135 पर छह विकेट खोकर बुरी स्थिति में था. बीबीसी के पीटर वेस्ट ने दिन के अंत में मार्शल से बात की. मार्शल ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मैंने खेलने की उम्मीद नहीं की थी. लेकिन लैरी अपने शतक के करीब थे, तो मैंने सोचा कोशिश करूं.” (When Malcolm Marshall bowled with a broken claw)

सोमवार को आखिरी वार

रविवार का दिन दर्द में बीता, मार्शल और इंग्लैंड, दोनों के लिए, लेकिन अलग-अलग वजहों से. सोमवार सुबह मार्शल ने गेंदबाजी में अपनी समझदारी दिखाई. उन्होंने रफ्तार कम की और गेंद को खूब स्विंग कराया. निक कुक ने स्लिप में कैच थमाया. प्रिंगल और एलॉट उनकी फुल-लेंथ इन-स्विंग गेंदों का सामना न कर सके और अंत में उन्होंने एक तेज गेंद फेंकी जो डाउंटन के अंदरूनी किनारे को चूमकर विकेटकीपर जेफ डुजॉन के दस्तानों में समा गई.

उन्होंने उस मैच में अपनी रफ्तार और अपने नाम के डर से इंग्लैंड की बल्लेबाजी ध्वस्त कर दी. इंग्लैंड 159 पर ढेर हो गया और वेस्टइंडीज ने आसानी से घाटा पाट लिया और मार्शल ने अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ आंकड़े 26 ओवर, 9 मेडन, 53 रन, 7 विकेट हासिल किए. दर्द में भी मुस्कुराते हुए वह मैदान से बाहर लौटे और दर्शकों ने उन्हें सच्ची, निर्मल प्रशंसा और श्रद्धा से भरी तालियों के साथ विदा किया. हेडिंग्ले में बारबाडोस के इस तेज गेंदबाज ने दर्द और डॉक्टरों की सलाह को नजरअंदाज कर एक अविस्मरणीय कारनामा कर दिखाया.

वेस्टइंडीज की 1980 की टीम एक अजूबा

यह सब अपने आप में नाटकीय था, लेकिन असल में यह 1980 के दशक की उस बेमिसाल वेस्टइंडीज टीम और उनके सबसे महान गेंदबाज की महानता की कहानी थी. मार्शल डर के सबसे माहिर इस्तेमाल करने वाले गेंदबाज थे, लेकिन जैसा उन्होंने उस दिन दिखाया, वे दिमाग और कौशल के भी उस्ताद थे. पुराने समय के क्रिकेट लेखक वेस्टइंडीज के लिए इंटेलिजेंस और स्किल जैसे शब्द कम ही इस्तेमाल करते थे. अगर आप उनकी प्रशंसा करते तो कहते वे प्रकृति की ताकत हैं और अगर आप उनकी आलोचना करते तो उन्हें खेल के डार्क डिस्ट्रॉयर्स कहते, यानी वे गोरी टीमों को जीतने नहीं देते थे.

बार्न्स कहते हैं, हेडिंग्ले का वह पल उस वेस्टइंडीज टीम की उग्र और डरावनी खूबसूरती का प्रतीक था और दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज उनसे खौफ खाते थे. लेकिन जब मैं उस दिन को याद करता हूं, तो एक शरारती अंदाज भी याद आता है, विरोधियों के दिमाग से खेलने का आनंद और एक गहरी खुशी कि मैंने सच्ची खेल उत्कृष्टता को देखा. अगर मुझे अब तक खेले गए सभी खिलाड़ियों में से एक क्रिकेट टीम चुननी होती, तो मार्शल मेरा पहला चुनाव होते. कम से कम इसलिए कि मैं नहीं चाहता कि मेरे खिलाड़ी उनका सामना करें चाहे एक हाथ से ही क्यों न हो.

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