गुकेश से हार पर कार्लसन ने खोया आपा, हाथ पटककर गिराए सारे मोहरे, बस बादशाह खड़ा रहा, वीडियो

D Gukesh vs Magnus Carlsen: वर्ल्ड चैम्पियन डोम्माराजू गुकेश ने नॉर्वे शतरंज 2025 के छठे राउंड में पूर्व विश्व नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को क्लासिकल फॉर्मेट में पहली बार हराया. गुकेश मुकाबले में एक समय हार की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन शानदार वापसी करते हुए उन्होंने बाजी पलट दी. इस जीत के साथ वह कार्लसन को हराने वाले नॉर्वे शतरंज इतिहास के दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए.

By Anant Narayan Shukla | June 2, 2025 8:25 AM
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D Gukesh vs Magnus Carlsen: वर्ल्ड चैम्पियन डोम्माराजू गुकेश ने नॉर्वे शतरंज (Norway Chess) 2025 के छठे राउंड में पूर्व विश्व नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को चौंकाते हुए क्लासिकल फॉर्मेट में पहली बार हराया. यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि गुकेश एक समय मुकाबले में हार की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन उन्होंने शानदार पलटवार करते हुए मैच अपने नाम कर लिया.  19 वर्षीय गुकेश नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट के इतिहास में कार्लसन को हराने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. उनसे पहले सिर्फ आर. प्रज्ञानानंद ने यह उपलब्धि हासिल की थी. मुकाबले के अधिकतर हिस्से में कार्लसन का दबदबा था, लेकिन अंत में वे दबाव में आ गए और गुकेश ने मौके का फायदा उठाते हुए बाजी पलट दी. हालांकि इस मैच में हार के बाद कार्लसन ने अपना आपा खो दिया. 

मैच के अंतिम क्षणों में गुकेश ने बाजी पलटते हुए कार्लसन को हैरान कर दिया. 61 चालों के बाद आखिरी 62वीं चाल के बाद जब कार्लसन के हाथों से बाजी निकल गई, तो उन्होंने अपने हाथ तेजी से मेज पर मार दिया. यह देखकर शांत चित्त गुकेश भी हैरान रह गए. इस प्रतिक्रिया से बोर्ड के सारे मोहरे गिर गए, केवल एक मोहरा, जो खड़ा था, वो था गुकेश का बादशाह. कार्लसन से हार की निराशा बर्दाश्त नहीं हुई और वे तुरंत उठकर पीछे गए और फिर वापस लौटे और तुरंत गुकेश की पीठ थपथपाते हुए वहां से निकल गए. 

इस जीत के साथ गुकेश नॉर्वे शतरंज 2025 की अंक तालिका में 8.5 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं. अब वे कार्लसन और अमेरिका के फबियानो करूआना से केवल एक अंक पीछे हैं. 27 मई को इस टूर्नामेंट के पहले राउंड में इन दोनों के बीच भिड़ंत हुई थी, जिसमें मैग्नस कार्लसन ने किंग हंट के जरिए गुकेश को हराया था. यह मुकाबला गुकेश के वर्ल्ड चैम्पियन बनने के बाद दोनों के बीच पहला क्लासिकल मैच था और कार्लसन की व्यक्तिगत क्लासिकल शतरंज में लगभग एक साल बाद वापसी भी थी.

गुकेश की इस रोमांचक जीत पर उनके कोच ग्रैंडमास्टर विष्णु प्रसन्ना ने कहा, “हमें गुकेश की जिद और उनकी सूझबूझ को सलाम करना चाहिए. वह जानते थे कि वह एकदम हार की स्थिति में हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. जैसे-जैसे समय कम होता गया, उनके पास स्थिति को बदलने का मौका आता गया. शायद उनका इरादा मैच जीतने का नहीं था, लेकिन अब वो जरूर खुश होंगे.” इस जीत के बाद टूर्नामेंट का रोमांच और बढ़ गया है और अब खिताबी दौड़ बेहद रोमांचक मोड़ पर पहुंच गई है.

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