Neeraj Chopra: 2016 से कभी नहीं जीता लेकिन…नदीम पर क्या बोले नीरज चोपड़ा

Neeraj Chopra: पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने से चूक गए. भारत के भालाफेंक स्टार नीरज चोपड़ा ने कहा कि उनके प्रदर्शन में कोई कमी नहीं थी. लेकिन वह दिन पाकिस्तान के अरशद नदीम का था जो उन्हें पछाड़कर चैम्पियन बने

By Anant Narayan Shukla | October 20, 2024 3:32 PM
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Neeraj Chopra: नीरज चोपड़ा ने आठ अगस्त को हुए पेरिस ओलंपिक्स फाइनल में 89 . 45 मीटर भाला फेंककर रजत पदक जीता था. टोकियो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक और फील्ड खिलाड़ी बने. लेकिन नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए पहले ही प्रयास में 92 . 97 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीता.

चोपड़ा ने लखनऊ में पीटीआई को दिये इंटरव्यू में कहा, कुछ भी गलत नहीं था, सब कुछ सही था. थ्रो भी अच्छा था. ओलंपिक में रजत प्राप्त करना भी कोई छोटी चीज़ नहीं है, लेकिन, मुझे लगता है कि प्रतियोगिता बहुत अच्छी थी और स्वर्ण पदक उसी ने जीता है जिसका वह दिन था. वह नदीम का दिन था. मेरे प्रदर्शन में कोई कमी नहीं थी. नीरज ने इस धारणा को खारिज किया कि हॉकी और क्रिकेट के बाद भाला फेंक भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता का गवाह बनने वाला नया खेल बन गया है. उन्होंने कहा, भाला फेंकने में कोई दो टीमें नहीं हैं, लेकिन विभिन्न देशों के 12 एथलीट हैं जो एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. मैं 2016 से भाला फेंक में नदीम के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं और यह पहली बार है कि नदीम ने जीत हासिल की है.

नदीम के बारे में चोपड़ा ने कहा, नदीम एक अच्छा इंसान है, अच्छे तरीके से बोलता है, सम्मान करता है, इसलिए मुझे अच्छा लगता है. भालाफेंक में अपनी शुरूआत के बारे में उन्होंने कहा, वह एक अप्रत्याशित पल था, जब मैंने इसकी शुरुआत की. मुझे इसके बारे में कुछ भी नहीं पता था. जब मैं मैदान पर गया उस समय यह निर्णय लिया. नीरज ने कहा कि भाला फेंकने वाले को सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है ताकत, सहनशक्ति, मानसिक सहनशक्ति की. यह इन सभी चीजों का संयोजन है और जिसके पास सबसे अच्छी तकनीक होगी वह अच्छा प्रदर्शन करेगा.

चोपड़ा ने लखनऊ के लालबाग इलाके में एक प्रसिद्ध आउटलेट ‘शर्मा की चाय’ पर चाय भी पी और लोगों के साथ सेल्फी ली. चोपड़ा ने युवाओं को सलाह देते हुए कहा, युवाओं से मैं कहूंगा कि उन्हें शुरुआत में ही यह नहीं मान लेना चाहिए कि वे पदक जीत लेंगे. उन्हें धैर्य रखना चाहिए, क्योंकि खेल में आपका काफी समय खर्च होता है. आपके शरीर को बढ़ने के लिए समय चाहिए, आपकी मांसपेशियां अच्छे तरीके से मजबूत होंगी, धैर्य रखें और अपनी तकनीकों पर काम करें.

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