Patna News: बिहार में पहली बार 20 मार्च से ‘सेपक टकरा विश्व कप चैंपियनशिप’ का होगा आगाज, जुटेंगे 20 देशों के खिलाड़ी

Patna News: खेल विभाग बिहार में पहली बार नायाब खेल ‘सेपक टकरा विश्व कप चैंपियनशिप’ का आयोजन करने जा रहा है. 20 मार्च से 25 मार्च तक चलने वाले इस मैच का आगाज पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (कंकड़बाग) में होगा. बिहार सरकार ने इस खेल के लिए कैबिनेट में मंजूरी दी थी. इस खेल के लिए करीब 13 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनायी गयी है. पटना में होने वाले इस टूर्नामेंट में 16 देशों पुरुष एवं महिला एथलीट होंगे, जिनकी संख्या 96-96 होगी. इस खेल के आयोजन से बिहार के खेल प्रेमी व खिलाड़ियों का भी उत्साह बढ़ेगा.

By Radheshyam Kushwaha | March 4, 2025 11:40 PM
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Patna News: बिहार को पहली बार सेपक टाकरा वर्ल्ड कप की मेजबानी का गौरव प्राप्त हुआ है. मंगलवार को पटना के एक होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंतरराष्ट्रीय सेपक टाकरा फेडरेशन के महासचिव और एशियन सेपक टाकरा फेडरेशन के अध्यक्ष दातो अब्दुल हलीम बिन कादर कहा कि राजगीर में अंतरराष्ट्रीय सेपक टाकरा अकादमी खुलेगी. उन्होंने बताया कि इससे बिहार ही नहीं, पूरे देश के खिलाड़ियों को फायदा होगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल भारत की टीम को ट्रेनिंग लेने के लिए थाईलैंड जाना पड़ता है. वर्तमान में भारतीय टीम वहां ट्रेनिंग ले रही है.

सेपक टाकरा ने बिहार को दिलायी पहचान

इस मौके पर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवींद्रण शंकरण ने बताया कि सेपक टाकरा ने खेल जगत में बिहार को पहचान दिलायी. उन्होंने बताया कि पहले पटना की गलियों में यह खेल होता था. अब यह बिहार सरकार की खेलों की प्राथमिक सूची में शामिल है. विश्व कप का पटना में आयोजित करने का मकसद बिहार में इसे लोकप्रिय बनाना है. इसके अलावा इसके माध्यम से पूरे देश में बिहार की खेल छवि को सुधारना है.

18 मार्च को आयेंगी टीमें

विश्व कप में हिस्सा लेने के लिए 18 मार्च को सभी टीमें बिहार आयेंगी. कुछ टीम पटना, तो कुछ टीम बोधगया में फ्लाइट से आयेंगी. सभी को रहने के लिए होटल ताज, मौर्य, चाणक्य, पनाश और लेमन ट्री में व्यवस्था की गयी हैं. विश्व कप के दौरान कुल 150 मैच खेले जायेंगे. तीन महिला, तीन पुरुष और एक मिक्सड की कुल सात स्पर्धाएं होंगी.

17-19 मार्च तक होगा रेफरी कोर्स

सेपक टाकरा फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट योगेंदर सिंह दाहिया ने कहा कि पटना 17 से 19 मार्च तक होगा रेफरी कोर्स का आयोजन होगा. इसमें पास करने वाले को सर्टिफिकेट दिया जायेगा़ इस दौरान पुराने रेफरी के लिए भी रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन किया जायेगा़

बिहार का बॉबी बनेगा नंबर वन

योगेंदर सिंह दाहिया ने कहा कि वर्तमान बिहार का सेपक टाकरा खिलाड़ी बॉबी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. वह लगातार भारतीय टीम में खेल रहा है. बॉबी जल्द ही भारत का नंबर वन सेपक टाकरा खिलाड़ी बनेगा.

भारतीय टीम की जर्सी पर होगा बिहार का नाम

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवींद्रण शंकरण ने बताया कि अगले एक वर्ष तक भारत की जूनियर और सीनियर सेपक टाकरा टीम खेलेगी, उसकी जर्सी पर बिहार का नाम प्रमुखता लिखा रहेगा़

खास है सेपक टाकरा वर्ल्ड कप का लोगो और शुभंकर

सेपक टाकरा वर्ल्ड कप 2025 का ‘लोगो’ बिहार की संस्कृति, खेल भावना और भविष्य की ऊर्जा को एक साथ समेटे हुए है इस खेल का ‘शुभंकर’ बिहार की ताकत और गौरव का प्रतीक है.

पुरुष व महिला दोनों खिलाड़ी मिलकर खेलेंगे

पटना में होने वाले सेपक टकरा विश्व कप टूर्नामेंट में 20 देशों के खिलाड़ी शामिल होंगे. इसमें भारत के खिलाड़ी के अलावा इटली, फ्रांस, जर्मनी, जापान, साउथ कोरिया, चीन, इंडोनेशिया, सिंगापुर, ईरान, इटली, फ्रांस, जर्मनी, स्वीटजरलैंड, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, ब्राजील एवं ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी प्रतिनिधित्व करेंगे. यह खेल पुरुष और महिला दोनों मिलकर खेलेंगे. इसमें पुरुष एवं महिला एथलीटों की संख्या 300 रहेगी.

आइए जानते हैं- क्या है सेपक टकरा

अधिकांश लोगों के मन में यह चल रहा होगा कि पटना में होने वाले ‘सेपक टकरा’ आखिर कौन सा खेल है? बता दें कि इस खेल का रोमांच दुनिया में अपनी जगह बनाने लगा है और भारत में भी इस खेल को खेला जाने लगा है. वर्ष 1992 में इस गेम के लिए इंटरनेशनल सेपक टकरा फेडरेशन का गठन किया गया है. इस खेल को सबसे पहले मलेशिया में खेला जाता था. धीरे-धीरे यह इंडोनेशिया समेत पूर्वोत्तर देशों में भी फैल गया. अब यह खेल लगभग दुनिया के सभी देशों में खेला जाने लगा है. सेपक टकरा गेम बड़ा ही अजीब है. कह सकते हैं कि यह फुटबॉल और वॉलीबॉल का मिक्सचर है. यानी वॉलीबॉल की तरह इसमें दोनों टीमों के बीच नेट लगी होती है और बॉल को एक-दूसरे के पाले में गिराने की कोशिश होती है, लेकिन यहां हाथ का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं होता. हाथ की जगह यहां पैर इस्तेमाल किए जाते हैं. पटना के लोगों को कुछ अलग देखने का मौका मिलने वाला है.

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