चंपाई सोरेन सरकार के कैबिनेट विस्तार के साथ ही कांग्रेस के विधायकों के सुर बगावती हो गये हैं. लातेहार से झामुमो विधायक बैजनाथ राम का पत्ता कांग्रेस विधायकों की नाराजगी के बाद कट गया. इससे वह भी नाराज हैं. कैबिनेट बंटवारे में कांग्रेस ने पुराने चेहरों को ही मंत्री बनाया है. इसके बाद पार्टी के अंदर भूचाल आ गया. कांग्रेस के 12 विधायकों ने गुट बना कर विरोध कर दिया है. विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को ज्ञापन देते हुए दो टूक कहा : सभी चारों मंत्री बदलें, नहीं तो वे विधानसभा सत्र में नहीं जायेंगे. बजट सत्र से पहले फैसला पार्टी ले, नहीं तो राज्य से बाहर निकल जायेंगे.इधर, बैजनाथ राम का नाम मंत्री पद के लिए राजभवन भेजा गया था. वह राजभवन के लिए निकल भी गये थे. इसके बाद सूचना मिली कि उन्हें शपथ नहीं लेना है. वह बीच रास्ते से ही लौट गये. इसके बाद बैजनाथ राम ने पार्टी के खिलाफ ही बगावत कर दी है. बैजनाथ राम ने कहा : राजभवन से नाम आने के बाद अंतिम समय में मुझे मंत्री पद की शपथ लेने से रोक दिया गया. यह अपमानजनक है. मैंने मुख्यमंत्री को बता दिया है. दो दिनों के अंदर अगर पार्टी ने उचित निर्णय नहीं लिया, तो बड़ा कदम उठायेंगे. श्री राम ने कहा कि कैबिनेट में अनुसूचित जाति से एक भी मंत्री का नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. पार्टी ने फैसला नहीं बदला, तो मैं अकेले भी चलने को तैयार हूं.
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