बिहार आकर सीमांचल में कैसे बसा बांग्लादेशी घुसपैठिया? शादी करके वोटर कार्ड भी बनवाया तो उठे सवाल

Bihar News: बांग्लादेश से एक नागरिक वर्षों पहले बिहार आया और सीमांचल इलाके में चोरी-छिपे रहने लगा. उसकी अब पोल खुली है तो कई सवाल भी खड़े हुए हैं.

By ThakurShaktilochan Sandilya | October 6, 2024 10:52 AM
feature

मृगेंद्र मणि सिंह: बिहार के सीमांचल क्षेत्र में एक बांग्लादेशी घुसपैठिया बीते कई सालों से चोरी-छिपे रह रहा था. इतना ही नहीं, उसने यहां आकर शादी भी कर ली और उसे अब बच्ची भी है. उसने पकड़े जाने के बाद कई दंग करने वाले खुलासे किए हैं. बताया है कि महज 500 से एक हजार रुपये में नदी पार कराकर बांग्लादेश से भारत पहुंचाया जाता है. वह अपनी मां से जाकर बांग्लादेश में मुलाकात भी करता है. उसके पास बिहार में उसका वोटर कार्ड भी है. ग्रामीणों का दावा है कि वो बूथ पर जाकर मतदान भी करता है. इस घुसपैठिया के खुलासे ने कई सवालों को सामने लाया है जिसमें एक सवाल यह है कि आखिर उसका पहचान पत्र बिहार में कैसे बना?

कई सालों से छिपकर रह रहा था संदिग्ध

अररिया नगर थाना पुलिस को जानकारी मिली कि कथित रूप से बांग्लादेशी नागरिक थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर कोदरकट्टी पंचायत के मरंगी टोला वार्ड संख्या 11 में बीते कई सालों से छिपकर रह रहा है. दरअसल, वह संदिग्ध नगर थाना में पासपोर्ट के काम से पहुंचा था. पुलिस ने उसे कहा कि वो पंचायत के मुखिया से उसके लेट पैड पर लिखवाकर लाए कि वो वहां का स्थानीय निवासी है. जिसके बाद कथित बांग्लादेशी नवाब पिता अंसार (बंगलादेश निवासी) पंचायत के मुखिया पम्मी देवी के पास बीते शुक्रवार को पहुंचा था. मुखिया ने तब छानबीन शुरू की. उन्हें शक हुआ कि ये पंचायत का निवासी नहीं है. जिसके बाद तहकीकात शुरू की गयी और पोल खुलता चला गया.

ALSO READ: Bihar News: बाहर रहने वालों की जमीन से होता था फर्जीवाड़ा, रजिस्ट्री ऑफिस के स्टाफ करते थे मदद

जब तहकीकात शुरू हुई तो सामने आयी हकीकत

मुखिया प्रतिनिधि राजेश कुमार पंचायत के वार्ड संख्या 11 के स्थानीय निवासी मंजूर मियां के घर तहकीकात करने पहुंचे. जहां उन्हें उक्त व्यक्ति के 05 से 06 साल पूर्व से रहने को सूचना प्राप्त हुई. मुखिया प्रतिनिधि राजेश सिंह ने बंगलादेशी नागरिक नवाब से उसके कागजात मांगे तो मतदाता (वोटर आइडी) पहचान पत्र में नवाब के पिता की जगह पत्नी का नाम देखा गया. शक गंभीर होने पर उसे पिता या अन्य परिजन का आधार मांगे तो नवाब बिना कागजात मुखिया को दिखाये हुए शनिवार की सुबह में सरपंच प्रतिनिधि मो वाजुद्दीन के पास पहुंच गया. जहां उन्होंने मुखिया प्रतिनिधि को जानकारी दी.

बिहार आकर शादी भी की, एक बच्ची का है पिता

जब मुखिया प्रतिनिधि ने सरपंच के घर पर सख्ती के साथ तहकीकात करने लगे तो नवाब ने बताया कि वह बंगलादेश के चापा नवाबगंज जिला से 05 से 06 वर्ष पूर्व आया है. कटिहार में मौसी के घर रहते थे. इसके बाद कटिहार से रामपुर कोदरकट्टी पहुंचे. इसके बाद पंचायत में 1.5 वर्ष पूर्व शादी की. जिससे एक नौ माह की बच्ची है. अब बंगलादेश जाना चाहता है.

बांग्लादेश से कैसे आया बिहार?

नवाब के बताया कि वो सप्ताह भर पहले बांग्लादेश जाकर अपनी मां से भी मिला है.जब पंचायत के जनप्रतिनिधि ने संदिग्ध से पूछताछ की तो उसने बताया कि 500 से 1000 रुपये देने पर रास्ते में आने वाली नदी फाटक के पास का एक आदमी उसको सीमा पार कराता है. वहीं मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है. नवाब के भारतीय पहचान पत्र में माता-पिता नहीं बल्कि उसकी पत्नी रंगीला खातून का नाम है.

पत्नी का नाम देकर बनवाया वोटर कार्ड, उठ रहे सवाल

सवाल यह उठ रहा है कि अगर वो बांग्लादेश का नगारिक है तो वह 3 साल तक कटिहार और फिर 3 साल से अररिया में कैसे रह रहा. उसने शादी भी यहां की और उसे एक बेटी भी है. आखिर उसका पहचान पत्र कैसे बन गया. ग्रामीणों का दावा है कि वह बूथ संख्या 271 का मतदाता है. क्या बीएलओ की मिलीभगत से उसका वोटर कार्ड बन गया? लोगों ने इसकी जांच की मांग की है. इधर अररिया एसपी अमित रंजन ने कहा कि कथित बंगलादेशी नागरिक के दस्तावेज की जांच की जा रही है.

संबंधित खबर और खबरें

यहां अररिया न्यूज़ (Araria News) , अररिया हिंदी समाचार (Araria News in Hindi), ताज़ा अररिया समाचार (Latest Araria Samachar), अररिया पॉलिटिक्स न्यूज़ (Araria Politics News), अररिया एजुकेशन न्यूज़ (Araria Education News), अररिया मौसम न्यूज़ (Araria Weather News) और अररिया क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version