
प्रखंड स्तरीय बाल कल्याण व संरक्षण समिति की बैठक आयोजित सिकटी बाल विवाह व दहेज प्रथा की रोकथाम के लिए ग्राम पंचायतों के मुखिया की प्रभावी भूमिका है. बिहार विवाह पंजीकरण नियमावली 2006 के तहत मुखिया को विवाह पंजीकरण का दायित्व दिया गया है. विवाह पंजीकरण के लिए विवाहों का वैध होना अनिवार्य है. ऐसी स्थिति में अधिकतम विवाहों को पंजीकृत किये जाने की आवश्यकता है. ताकि, बाल विवाह की स्थिति में समय रहते कार्रवाई की जा सके. यह आह्वान बीडीओ परवेज आलम ने पंचायत प्रतिनिधियों से की. वे कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन, जिला बाल संरक्षण इकाई अररिया, बाल रक्षा भारत अररिया व जागरण कल्याण भारती के संयुक्त तत्वावधान में बाल विवाह व दहेज प्रथा उन्मूलन विषय पर प्रखंड कार्यालय सभागार में आयोजित प्रखंड स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत गठित किये गये पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स के अध्यक्ष के रूप में मुखिया से अपेक्षाएं है. दहेज व बाल विवाह मुक्त बिहार बनाना है. इसके लिए जिले में पंचायत स्तर, प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स कमेटी का गठन किया गया है. मौके पर जागरण कल्याण भारती अध्यक्ष संजय कुमार, उप प्रमुख लखिचंद प्रामाणिक, थानाध्यक्ष नरेंद्र कुमार प्रसाद, जीविका, मनरेगा, बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन, मुखिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे.
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