अररिया. भरगामा प्रखंड के जगता स्थित महादलित टोला में खुशी का उस समय ठिकाना नहीं रहा. जब महाराष्ट्र की एक संस्था ने दो साल पूर्व अपने परिवार से बिछड़ी मानसिक विक्षिप्त युवती को उनके परिवार से मिलाया. मामला भरगामा प्रखंड के जगता अंतर्गत मौजहा के बरौहुआ महादलित टोला का है. जहां से काजल कुमारी पिता बिंचू ऋषिदेव मानसिक बीमारी के कारण 02 साल पूर्व अपने घर से निकलकर खो गई थी. जिसका कोई अता-पता उनके परिजनों को नहीं चल रहा था. इस दौरान जानकारी मिलने पर महाराष्ट्र के कर्जत, रायगड़ जिले के श्रद्धा रेहाबिलीटेशन फाउंडेशन के फाउंडर सह मनोरोग डॉ भरत वटवानी ने काजल कुमारी (पुष्पा – गुप्त नाम कोड) को नेपाल के मोरंग स्थित मानवसेवा आश्रम बिराटनगर से पिकअप किया. इसके बाद काजल कुमारी का इलाज कराया गया व 2.5 साल के बाद उसके घर सही सलामत पहुंचाया गया. जिसमें श्रद्धा फाउंडेशन के सोशल वर्कर में शामिल मयुरी भोंग व पल्लवी जाधव ने काजल कुमारी को सही सलामत भरगामा प्रखंड स्थित उसके घर पहुंचाया. दोनों सोशल वर्कर ने बताया कि काजल कुमारी के घरवाले व सभी गांव वाले उसे देखकर बहुत खुश हुए. परिवार वाले इतने दिनों के बाद ने उसे देख बहुत भावुक हो गये व एक दूसरे से लिपट के रोने बिलखने लगे. बताया गया कि यह संस्था रास्ते पर भटके मनोरोगियों को ढूंढकर उनका इलाज कराकर उनके घर सही सलामत पहुंचाने का कार्य करती है. इस संस्था का ही देन है कि 2.5 साल बाद गुरुवार 19 जून को काजल कुमारी अपने घर सकुशल पहुंच सकी है. स्थानीय लोगों ने संस्था के आये दोनों सोशल वर्कर महिला को दिल से धन्यवाद कहा व उनके कार्य को लेकर साधुवाद दिया.
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