स्वास्थ्य संस्थानों में हुआ जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन -21-प्रतिनिधि, अररिया विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया गया. स्वास्थ्य कर्मियों को संभावित मरीजों को चिह्नित करने व उनके इलाज संबंधी इंतजामों के प्रति जरूरी जानकारी दी गयी. वहीं स्कूलों में चौक-चौराहों पर स्वास्थ्य कर्मियों ने जागरूकता रैली निकाल कर लोगों को मलेरिया के खतरों के प्रति जागरूक किया. मौके पर सिविल सर्जन कार्यालय में विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप, डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह, वीडीसीओ राम कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी व कर्म मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि जब संक्रमित मादा एनोलिज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है. तो वह अपने लार के साथ उसके रक्त में मलेरिया परजीवियों को पहुंचा देता है. संक्रमित मच्छर के काटने के 10-12 दिनों के बाद उस व्यक्ति में मलेरिया रोग के लक्षण दिखने लगते हैं. हर साल जागरूकता के अभाव में हजारों लोग मलेरिया रोग से पीड़ित होकर अपनी सेहत, समय व धन का गंभीर नुकसान झेलते हैं. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि ठंड लगना, कंपकंपी, सिर दर्द, उल्टी व चक्कर आना, तेज बुखार, अत्यधिक पसीने के साथ बुखार का कम होना, थोड़े अंतराल पर बुखार का फिर वापस आना रोग ले सामान्य लक्षणों में शुमार है. उन्होंने कहा कि इस तरह की शिकायत होने पर मरीज को तत्काल नजदीकी अस्पताल जाकर अपना स्वास्थ्य जांच कराना चाहिये. मलेरिया की जांच व समुचित इलाज का इंतजाम जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है. वहीं सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि मलेरिया की रोकथाम व इससे बचाव के प्रति लोगों को जागरूक होना होगा. जागरूकता के दम पर ही मलेरिया के खिलाफ निर्णायक जीत संभव है. मलेरिया से बचाव के लिये अपने आसपास पानी को जमा ना होने दें, जमे हुए पानी में नियमित अंतराल पर कीटनाशक, जला हुआ मोबिल, किरासन तेल डालते रहें. ताकि मच्छर प्रजनन नहीं कर सके. पानी की टंकी को ढक कर रखें. फ्रिज, कूलर व अन्य बर्तनों का पानी सप्ताह में एक दिन अवश्य सुखा लें. घरों के अंदर कीटनाशक का छिड़काव करें व सोते समय मच्छरदानी के प्रयोग की सलाह उन्होंने लोगों को दी.
संबंधित खबर
और खबरें