
उदवंतनगर.
कोहड़ा गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीलक्ष्मीनारायण सह श्रीमद्भागवत महायज्ञ में आगत श्रद्धालुओं को भागवत कथा सुनाते हुए प्रवचन कर्ता शिवेश तिवारी ने श्रीमद्भागवत महापुराण की महत्ता को बताते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत केवल पुस्तक नहीं है. यह तो निगम अर्थात वेद का सार है. इसे पांचवां वेद भी कहा जाता है. श्रीमद्भागवत स्वयं श्रीकृष्ण हैं. उनका चरित्र व जीवन सब कुछ इसमें है. जीवन के विविध रूपों को इसमें दर्शाया गया है. भागवत कथा श्रवण, कीर्तन व मनन से दैहिक दैविक व भौतिक तापों का अंत संभव है. वास्तव में यह अमृत फल है, जिसके रसास्वादन मात्र से मनुष्य की कई पीढ़ियां तर जाती हैं. भागवत कथा जहां होती है वह जगह तीर्थ बन जाता है. आयोजन कमेटी सदस्य विनय ओझा ने बताया श्रीमद्भागवत कथा सात दिनों तक चलेगा. कथा सुनने के लिए श्रद्धालु भारी संख्या में पधार रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है