सूर्य की किरणों से निकल रही है आग, झुलस रहे लोग

गर्मी का सितम लगातार बरकरार है.रविवार से सूर्य के तेवर काफी सख्त रहे. धूप की तपिश में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा.

By AMLESH PRASAD | June 14, 2025 8:37 PM
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सूख गये हैं तालाब, पोखर, नहर व अन्य पानी के संसाधन : गर्मी का असर फसलों पर भी पड़ रहा है. किसानों ने उड़द, पिपरमिंट, मूंग की फसलें बो रखी हैं .नहरों और माइनरों मेें पानी न होने से सिंचाई नहीं हो पा रही है. जिला कृषि पदाधिकारी संजय नाथ तिवारी ने कहा कि गर्मी का असर फसलों पर पड़ रहा है. फसलों में कोई रोग तो नहीं लग रहा है लेकिन सिंचाई अधिक करनी पड़ रही है. किसानों को चाहिए कि वह फसलों की सिंचाई बराबर करते रहे.

गर्मी से घर में भी रहना हो रहा है मुश्किल : गर्मी से घर में भी रहना भी मुश्किल हो रहा है. घर में भी गर्मी के कारण हर चीज तप रहा है. वहीं कूलर की हवा भी राहत नहीं दे पा रही है. पसीना से लोग तरबतर हो रहे हैं. छोटे बच्चे काफी परेशान हो रहे हैं. कई बच्चे तो रोने लग रहे हैं. उमस भरी गर्मी लोगों के सुखचैन पर भारी पड़ रही है.

जिले में जल संकट की बनते जा रही है स्थिति : जल संकट से लोगों के समक्ष प्यासे रहने की स्थिति उत्पन्न हो रही है तो दूसरी तरफ जिम्मेवार विभाग की लापरवाही से सड़कों पर पानी बह रहा है. लगातार घट रहे जल स्तर से जिलावासियों के मन व मस्तिष्क पर चिंता की लकीरें खींच रही है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की स्थापना लोगों को पानी मुहैया कराने के लिए की गयी है. पर विभाग अपने दायित्व को पूरी तरह निर्वाहन करने में विफल साबित हो रहा है. विभाग द्वारा घरों में पानी आपूर्ति करने के लिए बिछाये गये पाइप लाइन की स्थिति काफी जर्जर है. नगर में दो दर्जन से अधिक जगहों पर पाइपलाइन फटे हुए हैं. इस कारण हजारों लीटर पानी की बर्बादी प्रतिदिन हो रही है. यह स्थिति जल स्तर को घटाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. वहीं दूसरी तरफ लोगों को पानी भी सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है. नियत समय तक पानी आपूर्ति का नियम है. पर पाइप लाइन के फटने से प्रेशर नहीं होने के कारण घरों में सही ढंग से पानी नहीं पहुंच पाता है. इतना ही नहीं गाड़ियों के सर्विसिंग सेंटर में प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद किया जाता है. जबकि इस कार्य को नियंत्रित ढंग से करने पर काफी मात्रा में पानी बचाया जा सकता था. वहीं घरों में भी सबमर्सिबल सहित अन्य पानी निकालने के संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है. नगर के कई मोहल्लों सहित कई प्रखंडों में चापाकल पूरी तरह सूख गये हैं. चापाकल से पानी नहीं निकल पा रहा है.

इन उपायों पर देना होगा ध्यान

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