उदवंतनगर. ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पावन पर्व श्रद्धा व आस्था के साथ मनाया जायेगा. इस वर्ष यह पर्व पांच जून को पड़ रहा है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान, दान और गंगा स्तोत्र मंत्र के जाप से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. पुराणों के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मां गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था. ब्रह्मपुराण और वराह पुराण में उल्लेख है कि गंगा का धरती पर अवतरण ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र, गर करण, वृषभ राशि में सूर्य और कन्या राशि में चंद्रमा की स्थिति में हुआ था. मान्यता है कि गंगा जब स्वर्ग से तीव्र वेग से धरती की ओर आ रही थीं, तब भगवान शिव ने अपनी जटाओं में उन्हें समाहित कर लिया. सप्तमी तिथि को समाने के बाद तीन दिनों तक उन्हें जटाओं में रोके रखा और दशमी तिथि को अपनी जटाओं से बाहर छोड़ा, जिससे गंगा का धरती पर अवतरण संभव हो सका. यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम ने रामेश्वरम में भगवान शिव की लिंग स्थापना की थी. धार्मिक जानकारों के अनुसार, गंगा दशहरा से गंगा के जलस्तर में भी धीरे-धीरे वृद्धि शुरू हो जाती है.
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