सावन की दूसरी सोमवारी पर बाबा दूधेश्वर नाथ में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, हर-हर महादेव से गूंजा देवकुंड
सुहागिनों ने जलाभिषेक कर पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की
प्रतिनिधि, औरंगाबाद/देवकुंड .
सावन मास की दूसरी सोमवारी पर औरंगाबाद जिले के शिवालयों में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. जिला मुख्यालय स्थित महाकाल मंदिर, महेश्वरनाथ मंदिर, भोला साव मंदिर, क्षत्रियनगर शिव मंदिर, टिकरी मुहल्ला शिव मंदिर, बुढ़वा महादेव आदि मंदिरों में भक्तों ने भगवान का दर्शन-पूजन किया. जगह-जगह रूद्राभिषेक का भी आयोजन हुआ. इधर, गोह प्रखंड के देवकुंड स्थित प्रसिद्ध बाबा दुधेश्वरनाथ धाम में आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला. रात्रि एक बजे से ही शिवभक्तों की लंबी कतारें मंदिर परिसर की ओर बढ़ने लगीं. हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक गंगा जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और भस्म से बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. मंदिर परिसर चारों ओर से हर-हर महादेव और बोल बम के उद्घोष से गूंजयमान रहा. महिला, पुरुष, वृद्ध और युवा सभी ने पंक्तिबद्ध होकर श्रद्धा के साथ बाबा का दर्शन और पूजन किया. सुबह से ही पूजा-अर्चना का क्रम शुरू हो गया, जो देर शाम तक चलता रहा.
श्रद्धालुओं की भीड़ संभालने में प्रशासन सतर्क
श्रावणी मेले के दृष्टिकोण से मंदिर परिसर और उसके आसपास की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही. बीडीओ राजेश कुमार दिनकर, सीओ अजय कुमार सिंह और देवकुंड थाना की पुलिस टीम लगातार गश्त करती नजर आयी. जगह-जगह पर बैरिकेडिंग लगायी गयी थी, ताकि भीड़ को व्यवस्थित रूप से मंदिर में प्रवेश कराया जा सके. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जलपान की व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा शिविर, विश्राम स्थल और अस्थायी टेंट भी लगाये गये थे.
भक्ति, व्यवस्था और परंपरा का संगम
पटना से 36 कांवरियों की टोली ने बाबा पर किया जलार्पण
सुरक्षा के लिए एसडीआरएफ की रही तैनाती
श्रावणी मेले के दौरान श्रद्धालु देवकुंड स्थित सहस्त्रधारा तालाब में आस्था की डुबकी लगाते हैं. गहराई को देखते हुए श्रद्धालु तालाब के गहरे हिस्से में न जाएं, इसके लिए एसडीआरएफ की विशेष टीम को तैनात किया गया. सुरक्षा व्यवस्था में प्रशासन पूरी तरह सतर्क दिखा. देवकुंड में आस्था, भक्ति और प्रशासन की मुस्तैदी ने मिलकर सावन की दूसरी सोमवारी को एक सफल, भव्य और शांतिपूर्ण रूप दिया. सुहागिनों की उमड़ी भीड़, चूड़ी-सिंदूर की खूब हुई खरीदारी
सेवा कार्यों में जुटे समाजसेवी, मंदिर परिसर में दिखी अनुशासित व्यवस्था
650 से अधिक शिवभक्तों को पिलायी गयी शर्बत
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
सुहागिनों ने जलाभिषेक कर पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की
प्रतिनिधि, औरंगाबाद/देवकुंड .
सावन मास की दूसरी सोमवारी पर औरंगाबाद जिले के शिवालयों में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. जिला मुख्यालय स्थित महाकाल मंदिर, महेश्वरनाथ मंदिर, भोला साव मंदिर, क्षत्रियनगर शिव मंदिर, टिकरी मुहल्ला शिव मंदिर, बुढ़वा महादेव आदि मंदिरों में भक्तों ने भगवान का दर्शन-पूजन किया. जगह-जगह रूद्राभिषेक का भी आयोजन हुआ. इधर, गोह प्रखंड के देवकुंड स्थित प्रसिद्ध बाबा दुधेश्वरनाथ धाम में आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला. रात्रि एक बजे से ही शिवभक्तों की लंबी कतारें मंदिर परिसर की ओर बढ़ने लगीं. हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक गंगा जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और भस्म से बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. मंदिर परिसर चारों ओर से हर-हर महादेव और बोल बम के उद्घोष से गूंजयमान रहा. महिला, पुरुष, वृद्ध और युवा सभी ने पंक्तिबद्ध होकर श्रद्धा के साथ बाबा का दर्शन और पूजन किया. सुबह से ही पूजा-अर्चना का क्रम शुरू हो गया, जो देर शाम तक चलता रहा.
श्रद्धालुओं की भीड़ संभालने में प्रशासन सतर्क
श्रावणी मेले के दृष्टिकोण से मंदिर परिसर और उसके आसपास की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही. बीडीओ राजेश कुमार दिनकर, सीओ अजय कुमार सिंह और देवकुंड थाना की पुलिस टीम लगातार गश्त करती नजर आयी. जगह-जगह पर बैरिकेडिंग लगायी गयी थी, ताकि भीड़ को व्यवस्थित रूप से मंदिर में प्रवेश कराया जा सके. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जलपान की व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा शिविर, विश्राम स्थल और अस्थायी टेंट भी लगाये गये थे.
भक्ति, व्यवस्था और परंपरा का संगम
पटना से 36 कांवरियों की टोली ने बाबा पर किया जलार्पण
सुरक्षा के लिए एसडीआरएफ की रही तैनाती
श्रावणी मेले के दौरान श्रद्धालु देवकुंड स्थित सहस्त्रधारा तालाब में आस्था की डुबकी लगाते हैं. गहराई को देखते हुए श्रद्धालु तालाब के गहरे हिस्से में न जाएं, इसके लिए एसडीआरएफ की विशेष टीम को तैनात किया गया. सुरक्षा व्यवस्था में प्रशासन पूरी तरह सतर्क दिखा. देवकुंड में आस्था, भक्ति और प्रशासन की मुस्तैदी ने मिलकर सावन की दूसरी सोमवारी को एक सफल, भव्य और शांतिपूर्ण रूप दिया.सुहागिनों की उमड़ी भीड़, चूड़ी-सिंदूर की खूब हुई खरीदारी
सेवा कार्यों में जुटे समाजसेवी, मंदिर परिसर में दिखी अनुशासित व्यवस्था
650 से अधिक शिवभक्तों को पिलायी गयी शर्बत
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