नीति को बताया गलत
रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में बिहार सरकार द्वारा एफआरएस सिस्टम लागू किया जा रहा है, जो कभी संभव नहीं है. इसका मुख्य कारण है कि ना तो आज तक सेविका के पास नई मोबाइल दी गई है और नहीं समय से रिचार्ज बाजार मूल्य के अनुसार दिया जाता है. सभी लाभार्थी के पास मोबाइल नहीं है और नहीं छोटे बच्चों के पास मोबाइल फोन है. सभी के पास आधार कार्ड है. ऐसी स्थिति में एसआरएस नियम लागू करना बिल्कुल संभव नहीं है. सरकार की नीति पूरी तरह गलत है.
मानदेय देने का घोषित करने की मांग की
पदाधिकारी द्वारा सेविकाओं पर जबरन एफआरएस करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जो सरासर गलत है. आंगनबाड़ी सेविका संघ इसका पुरजोर विरोध करती है. संघ द्वारा यह मांग किया जा रहा है कि सरकार सबसे पहले सेविका और सहायिकाओं को समुचित साधन मुहैया कराए. सेविका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाय. सेवानिवृत होने तक सेविका को 26 हजार तथा सहायिका को 18 हजार मानदेय देने का घोषित किया जाए. गुजरात के भांति ग्रेच्युटी अविलंब लागू करें.
सामाजिक सुरक्षा सटीक तथा अन्य मांगों की पूर्ति करें. मांगो की पूर्ति नही होने पर सभी आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका बड़ी आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगी तथा अनिश्चित कालीन हड़ताल भी करने का आंगनबाड़ी सेविका/सेविकाओं ने ऐलान किया है. मौके पर नंदू मेहता, गुड्डू कुमार, चितरंजन कुमार, गुरु चरण प्रसाद, सूर्य देव पांडेय, गीता कुमारी, रुबी कुमारी, पुष्पा कुमारी, सुनीता कुमारी, अर्चना कुमारी, मंजू कुमारी, कुमारी सुमन लता, तेतरी देवी समेत सैकड़ो से आंगनबाड़ी सेविका मौजूद थी. (औरंगाबाद से मनीष राज सिंघम की रिपोर्ट)
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