ओबरा. ओबरा शहर स्थित पशु अस्पताल कुव्यवस्था के दौर से गुजर रहा है. अस्पताल में चिकित्सक के नहीं होने के कारण पशुपालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पशुपालक लालदेव सिंह, मनोज शर्मा, अजय सिंह, अर्जुन यादव, वीरेंद्र पांडेय, मनोज पांडेय, सत्यवान शर्मा आदि का कहना है कि मवेशियों को समुचित इलाज करने के लिए सरकारी चिकित्सक की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर है ही नहीं. इस स्थिति में गंवई डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता हैं. अब इसे सरकारी उदासीनता कहे या विभागीय मनमानी. पशुपालकों ने यह भी बताया कि डॉक्टर सृष्टि राज की पदस्थापना दो वर्ष पहले विभाग द्वारा करायी गयी थी, लेकिन बाद में विभाग ने उन्हें भी मुजफ्फरपुर जिले में पदस्थापना कर दिया, जिसके वह पद रिक्त पड़ा है. पशु अस्पताल के भवन पर करोड़ों रुपये खर्च किये गये, लेकिन उसका लाभ पशुपालकों को नहीं मिल रहा है. जानकारी मिली कि ओबरा प्रखंड के डिहरा के चिकित्सक को विभाग द्वारा प्रभार दिया गया है, लेकिन वह भी प्रखंड के कई पशु चिकित्सा कार्यालय की देखभाल करते हैं. क्षेत्र के पशुपालक जब मुख्यालय स्थित पशु अस्पताल पहुंचते हैं, तो स्थिति समझ लौट जाते है. हालांकि, पशु चिकित्सा अस्पताल में दो रात्रि प्रहरी, एक पशुधन सहायक तथा एक ऑपरेटर की स्थापना विभाग द्वारा करायी गयी है. लेकिन चिकित्सक को नहीं होने के कारण सबकुछ बेकार पड़ा है.
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