Aurangabad News : ग्रामीणों के विरोध के बीच दो घरों पर चला बुलडोजर, फिर आया स्टे ऑर्डर

उजड़ा आशियाना. पुरहारा में 61 घरों को तोड़ने के लिए पहुंचे अधिकारी, प्रसाशन को रोकने के लिए नहर पुल पर करने लगे धरना-प्रदर्शन

By PANCHDEV KUMAR | April 8, 2025 9:57 PM
an image

गोह/हसपुरा. हाइकोर्ट के आदेश पर हसपुरा प्रखंड के पुरहारा गांव में सरकारी जमीन पर दशकों से निवास कर रहें 61 परिवारों के घरों पर अतिक्रमण का बुलडोजर चलाने पहुंची प्रशासनिक टीम को सिर्फ दो घर तोड़ने के बाद लौटना पड़ा. बताया जाता है कि पुरहारा 130 घरों का गांव है, जिसमें 61 परिवारों का घर सरकारी जमीन पर बने है. हाइकोर्ट ने सरकारी जमीन को अतिक्रमण को लेकर तोड़ने का आदेश दिया था. मंगलवार की दोपहर एक बजे सीओ, बीडीओ, थानाध्यक्ष सहित सरकारी अमला सैकड़ों पुलिस बल और पांच जेसीबी लेकर पुरहारा गांव पहुंचे, तो ग्रामीणों का काफी आक्रोश झेलना पड़ा. प्रसाशन को रोकने के लिए ग्रामीण मिडिल स्कूल के समीप नहर पुल पर धरने के साथ प्रदर्शन करने लगे. इस बीच ग्रामीणों और पुलिस में हल्की नोक-झोंक हुई. एक घंटे विरोध और मान मनौव्वल के बाद पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई की. इसके बाद ग्रामीण तीतर-बितर हो गये. इसके बाद प्रसाशन की टीम कई जेसीबी लेकर गांव में घुसी. पुलिस ने गांव को अपने घेरे में लेने की बहुत कोशिश की. लेकिन ग्रामीणों के आक्रोश के आगे पुलिस की एक नहीं चली. ढाई बजे एक बुलडोजर गांव किनारे बने रतन यादव व श्रीकांत यादव के घर के पीछे से तोड़ना आरंभ किया. अचानक चर्चा छिड़ी कि न्यायालय से स्टे आर्डर आ गया है. इसके बाद सिर्फ दो घर तोड़कर पूरी टीम वापस लौट गयी. स्टे ऑडर आने से पहले ग्रामीणों की एक नहीं सुने अधिकारी ग्रामीण शुरू से ही प्रशासन से कुछ मिनटों के लिए कार्रवाई रोकने के लिए कह रहे थे. उनका कहना था की आज कुछ ही देर में हाइकोर्ट से स्टे आर्डर आने वाला है लेकिन, प्रशासन कोर्ट के आदेश के आगे अपने को बेवस बता रहा था. अतिक्रमण हटाने में हसपुरा सीओ कैशल्या कुमारी, बीडीओ प्रदीप कुमार चौधरी, बीसीओ अभिजीत कुमार, थानाध्यक्ष नरोत्तम, एसआइ पवन कुमार सहित अमीन व कई अंचलकर्मी शामिल थे. इस संबंध में सीओ ने बताया की हाइ कोर्ट के स्टे आर्डर आने के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अगले आदेश तक रोक दिया गया है. दो घरों के ध्वस्त होने के बाद एक दर्जन परिवार बेघर रतन यादव और श्रीकांत यादव के घर टूटने के बाद उनके परिवार मे तेतरी देवी, करमू यादव, कुंती देवी, शांति कुमारी, नेहा कुमारी, दुधेश्वर कुमार, विकास कुमार, रोहित कुमार, रानी कुमारी, अनमोल कुमार, दीपक कुमार, पार्वती कुमारी, आर्यन कुमार व खुसबू कुमारी अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गये हैं. उनका सारा सामान खेत में रखा हुआ है. कड़कड़ाती धूप में यह पूरे परिवार जायेंगे, तो कहां. किसी तरह खेत में रहने को मजबूर हो गये है. वैसे जानकारी मिली कि दर्जनों लोग अपना घर खाली कर रिस्तेदार के घर चले गये हैं. वहीं, दर्जनों परिवार खुद अपना घर का चौखट उखाड़कर खेत मे सरण लिए हुए हैं. खेत में सामान रखने वाली बैजनती देवी ने कहा की प्रशासन द्वारा घर खाली करने को लेकर दबाव बनाया गया, जिसके डर से हम लोग पूरा घर खाली कर खेत में आ गये है. अब जाएं, तो कहा. जिला पार्षद ने सीओ पर लगाया धक्का देने का आरोप जिला पार्षद चंदा परवीन ने सीओ पर धक्का देने का आरोप लगाया है. कहा कि जब वह सीओ कौशल्या कुमारी से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने उन्हें धक्का दे कर हटा दिया. कुछ ग्रामीणों ने उनके पास जमीन का मिला हुआ सरकारी पर्चा लेकर आये थे, जिसको लेकर वह सीइओ को अवगत कराना चाह रही थी. हालांकि, सीओ ने धक्का देने की बात से इंकार किया है. ग्रामीणों ने पर्चा दिखाते हुए की जांच की मांग पुरहारा गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने अपने अपने हाथों में अंचल कार्यालय से मिले पर्चा को दिखाते हुए कहा कि हम लोगों ने कई बार सीओ को पर्चा दिखाये और कहां की पर्चा मिलने के बाद ही हमलोग मकान बनाये हैं. इसके बाद भी सीओ ने सुनवाई नहीं की. आज हमलोग को बेघर करने की कोशिश की गयी. पर्चा दिखाते हुए ग्रामीण लालू यादव, दुखित यादव, नथुनी भगत, घुटुक राम, कुलदीप राम, द्वारिका राम, रामपती साव, डोमन मियां, मोडन राम, हजारी यादव, सुनील राम, जवाहिर यादव, ललन यादव, बबन यादव, शिब बचन यादव, राम सुभग यादव सहित कई लोगों ने कहां की प्रशासनिक मनमानी से उन्हें परेशानियों से गुजरना पड़ा है. ग्रामीणों की कुछ देर सुनते हाते अधिकारी, तो नहीं टूटता दो घर ग्रामीणों ने डीएम से अंचल कार्यालय द्वारा प्राप्त पर्चे की जांच की मांग की हैं. इधर, जिला पार्षद प्रतिनिधि श्याम सुंदर ने कहा की पुरहारा गांव के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने को लेकर वह खुद न्यायालय के शरण में जायेंगे और सरकार द्वारा मिले पर्चे को जिक्र करते हुए न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे. वहीं, एक अन्य जिला पार्षद प्रतिनिधि मो एकलाख खान ने कहा की ग्रामीणों के सामने वह लगातार सीओ से कुछ मिनटों के लिए कारवाई रोकने का आग्रह करते रहे, लेकिन वे सुनने को तैयार नहीं हुए और दो घर के परिवारों को बेघर कर दिया. इसकी जांच होनी चाहिए.

संबंधित खबर और खबरें

यहां औरंगाबाद न्यूज़ (Aurangabad News) , औरंगाबाद हिंदी समाचार (Aurangabad News in Hindi), ताज़ा औरंगाबाद समाचार (Latest Aurangabad Samachar), औरंगाबाद पॉलिटिक्स न्यूज़ (Aurangabad Politics News), औरंगाबाद एजुकेशन न्यूज़ (Aurangabad Education News), औरंगाबाद मौसम न्यूज़ (Aurangabad Weather News) और औरंगाबाद क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version