इस तरह के कई मामले आ चुके हैं सामने
ग्रामीणों के अनुसार, यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. कुछ दिन पहले एक नवजात शिशु को आवारा कुत्ता कहीं से उठाकर गांव ले आया था. ग्रामीणों की सूचना पर अस्पताल प्रबंधन की टीम वहां पहुंची नवजात को अपने साथ ले गई. लोगों ने बताया कि प्रखंड में कई ऐसे अस्पताल हैं, जहां धड़ल्ले से अबॉर्शन कराया जाता है. प्रसव के बाद लोग नवजात शिशु को इधर-उधर फेंक देते हैं. प्रखंड मुख्यालय अंबा में भी कई बार नवजात शिशु का शव बरामद किया गया है, लेकिन कार्रवाई नहीं होने के कारण इसपर विराम नहीं लग पाया है.
लोगों ने आगे बताया कि मामले की जानकारी देने के लिए जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आकांक्षा सिंह के नंबर पर फोन किया गया तो उन्होंने नवजात का शव मिलने की खबर सुनते ही फोन डिस्कनेक्ट कर दिया. वहीं अस्पताल प्रबंधक प्रफुल्ल कांत निराला ने बताया कि अस्पताल में जितना महिलाओं का प्रसव हुआ है, सभी के बच्चे सुरक्षित हैं. मामला अस्पताल का नहीं है.
डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची
दोबारा फोन करने पर बताया कि रात में एक मरीज जिसका प्रसव बाहर में हुआ था, यहां मृत नवजात का शव लेकर पहुंचा था और अस्पताल के रजिस्टर में एंट्री करने को बोल रहा था. जब नहीं किया गया तो बच्चा का शव फेंक कर भाग गया. शायद वही शव कुत्ता लेकर गांव में पहुंच गया. इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. काफी देर तक जब घटनास्थल पर पुलिस नहीं पहुंची तो ग्रामीणों में डायल 112 पर फोन किया. सूचना मिलते ही डायल 112 की टीम घटनास्थल पर पहुंची तथा शव को अपने कब्जे में ले लिया.
नवजात को किसने फेंका, पुलिस जांच में जुटी
इस घटना के बाद पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि नवजात को किसने और क्यों सड़क पर फेंका. पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, ताकि किसी संदिग्ध की पहचान हो सके. इसके अलावा, पुलिस अस्पतालों और नर्सिंग होम से भी जानकारी जुटा रही है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नवजात का शव किसी ने कुटुंबा रेफरल अस्पताल के पीछे फेंक दिया था, जिसे कुत्ता घसीटकर ले जा रहा था. यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नवजात की मौत जन्म के समय हुई या उसकी मृत्यु बाद में हुई.
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