समाहरणालय के जर्जर छज्जे का हिस्सा टूट कर गिरा, अस्पताल के ड्रेसर ने दिखायी लापरवाही, लगी फटकार प्रतिनिधि, औरंगाबाद ग्रामीण. मंगलवार को शहर के समाहरणालय में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब जर्जर छज्जा के ऊपरी हिस्से का मलबा टूटकर नीचे गिर गया और उस मलबे से जिला योजना पदाधिकारी घायल हो गये. आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया गया. जानकारी के अनुसार, जिला योजना पदाधिकारी अविनाश कुमार सीढ़ी से उतरकर जैसे ही बाहर निकले, वैसे ही जर्जर छज्जे का मलबा टूटकर उनके ऊपर ही गिर पड़ा. हालांकि, बड़ी घटना होते-होते रह गयी. ज्ञात हो कि समाहरणालय का छज्जा पहले से ही जर्जर है. जर्जर छज्जे की न तो मरम्मत करायी गयी और न हटाया गया. सीएम के आगमन के दौरान सिर्फ पेंट कराकर छोड़ दिया गया था. इधर, घटना के वक्त भारी संख्या में कर्मचारियों व लोगों की भीड़ जुट गयी. जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी रत्ना प्रियदर्शनी ने जिला योजना पदाधिकारी अविनाश कुमार को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां ड्यूटी पर रहे डॉक्टर ने उन्हें ड्रेसिंग करने के लिए ओटी में भेज दिया. माइनर ओटी में ड्यूटी पर रहें जीएनएम कर्मी चंदन कुमार ने जिला योजना पदाधिकारी को बेड पर लेटने को कहा. हालांकि, ओटी का बेड गंदा रहने के कारण वे बेड पर नहीं लेट सके, बल्कि उन्होंने कुर्सी पर बैठने को कहा. इस दौरान ड्रेसर ने जिला योजना पदाधिकारी अविनाश कुमार को कुर्सी पर बैठने से मना कर दिया. कहा कि माइनर ओटी की कुर्सी मरीज के लिए नहीं है. इसी बात को लेकर साथ रहें पदाधिकारी ने जीएनएम कर्मी की जमकर फटकार लगायी. कड़े लहजे में कहा की तुम हमको नहीं जानते हो, जब इस तरह का व्यवहार पदाधिकारी के साथ हो रहा है तो आम मरीजों के साथ क्या होता होगा. ओटी में गंदगी होने पर पदाधिकारी और भी भड़क उठे और कहा कि ओटी इतना गंदा नहीं होना चाहिए. इसकी शिकायत डीएम से की जायेगी. जब पदाधिकारी को घायल होने की जानकारी मीडिया कर्मियों को हुई तो वे वहां पहुंचे, लेकिन डीपीएम अनवर आलम तथा डीपीओ के साथ रहे सहायक योजना पदाधिकारी ने न्यूज कवरेज करने से मना कर दिया. कहा कि ये सब अपना मामला है. रही बात गंदगी की तो दोषी के ऊपर कार्रवाई होगी. इतना ही नहीं इलाज के उपरांत जीएनएम कर्मी चंदन कुमार को अधीक्षक कक्ष में बुलाया गया और पदाधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में जमकर फटकार लगायी गयी. ज्ञात हो कि समाहरणालय भवन अत्यंत ही पुराना और जर्जर स्थिति में है. उसे ठीक कराने की जरूरत है. मरम्मत नही होने के कारण आये दिन ऐसी घटनाएं होते रहती है. वैसे इस घटना के बाद बाहर से चकाचक समाहरणालय की व्यवस्था की पोल खुल गयी है.
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