औरंगाबाद शहर. कलेक्ट्रेट के सभा कक्ष में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में श्रम विभाग, जिला नियोजन एवं जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र की संयुक्त समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति में विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गयी. बैठक के दौरान श्रम अधीक्षक ने जानकारी दी कि जिले में श्रम विभाग की ओर से बाल श्रम के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत अब तक आठ धावा दल के संचालन के विरुद्ध छह बाल श्रमिकों को कार्यस्थल से मुक्त कराया गया है. बाल श्रम के इस प्रकरण में दोषी नियोजकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. साथ ही दो नियोजकों द्वारा 20 हजार रुपये की राशि जिला बाल श्रमिक पुनर्वास कोष में जमा की गयी है. जिलाधिकारी ने इस प्रयास की सराहना करते हुए निर्देश दिया कि बाल श्रम की रोकथाम एवं उन्मूलन के लिए निरंतर जागरूकता अभियान चलाया जाए, ताकि औरंगाबाद जिले को बाल श्रम से पूरी तरह मुक्त किया जा सके. बाल संरक्षण पदाधिकारी को निर्देश दिया कि विमुक्त बाल श्रमिकों को पुनर्वासन पर विशेष कार्य कराने का प्रयास किया जाये. समीक्षा के दौरान केवाइपी संचालकों को अपने केंद्र से उत्तीर्ण होने वाले बच्चों के प्रदर्शन में सुधार लाने के निर्देश दिये गये. आइटीआइ में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्र को ऑन जॉब ट्रेनिंग द्वारा व्यावहरिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये. समीक्षा बैठक के क्रम में कुशल युवा कार्यक्रम की प्रगति पर चर्चा की गयी, जिसमें जिलाधिकारी ने केंद्र संचालकों को निर्देश दिया कि वे अपने केंद्रों से उत्तीर्ण होने वाले बच्चों के शैक्षणिक एवं व्यावहारिक प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए विशेष प्रयास करें. इसके अतिरिक्त, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण से जोड़ने के लिए ऑन-जॉब ट्रेनिंग की व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए. जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने डॉ आंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत प्राप्त आवेदनों का शीघ्र निबटारा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उन्होंने विशेष रूप से कौशल विकास एवं स्वयं सहायता योजना के अंतर्गत लंबित आवेदनों को प्राथमिकता देते हुए निष्पादित करने पर बल दिया. इसके साथ ही उन्होंने ‘सात निश्चय योजना’ के अंतर्गत संचालित योजनाओं के कार्यान्वयन को शिविर मोड में कराने के निर्देश दिए, ताकि निर्धारित समय-सीमा के भीतर लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित की जा सके. इस बैठक में टास्क फोर्स के सभी सदस्य पदाधिकारी, श्रम विभाग, जिला नियोजन कार्यालय एवं डीआरसीसी के अधिकारी उपस्थित थे.
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