सदर विधायक आनंद शंकर के पिता थे यमुना सिंह, विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
जिले में कांग्रेस के सशक्त नेता के तौर पर थी पहचान
यमुना सिंह औरंगाबाद जिले में एक धूरी के तौर पर जाने जाते थे. कांग्रेस पार्टी के वे जिलाध्यक्ष भी रहे. बड़ी बात यह है कि वर्ष 2000 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाग्य अजमाया. हालांकि, उन्हें राजद के उम्मीदवार सुरेश महतो से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 19119 मत लाकर अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करायी. इस चुनाव के बाद वे लगातार सुर्खियों में रहे. उन्हें विधायक जी भी कहा जाने लगा.भगवान ने की नाइंसाफी, छीना मित्र को : रामाधार
पूर्व मंत्री व भाजपा नेता रामाधार सिंह ने यमुना सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया है. उन्होंने शोक जताते हुए कहा कि भगवान ने उनके साथ नाइंसाफी की है. उनके अजीज मित्र को उन्होंने छीन लिया. वे हमारे मित्र भी थे और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी. हमलोगों के बीच कभी भी निजी प्रतिद्वंद्विता नहीं रही. दोनों एक ही बीमारी से जूझे. एक ही साथ स्कूल में पढ़े और बेरमो में नौकरी भी की. उनके निधन से गहरा आघात पहुंचा है.हर पार्टी के लोगों ने दी श्रद्धांजलि
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