क्या है पूरा मामला?
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पूर्व पैक्स अध्यक्ष द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में 432 मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई थी. जिसमें से 134 मीट्रिक टन धान का चावल राज्य खाद्य निगम में जमा नहीं किया गया. जब इसकी जांच की गई तो यह भी पाया गया कि गोदाम में भी चावल उपलब्ध नहीं था. जिसे लेकर पैक्स अध्यक्ष को बार-बार सूचना दी गई, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद पूर्व पैक्स अध्यक्ष के खिलाफ वित्तीय अनियमितता, सरकारी योजनाओं को विफल करने का प्रयास समेत विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई.
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एक महीने में हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने मामले की जांच करते हुए प्राथमिकी दर्ज होने के एक महीने के अंदर ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. अब उसे न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है. इस संबंध में विभाग का कहना है कि सरकारी योजनाओं में बाधा डालने और वित्तीय अनियमितताओं के मामलों में प्रशासन पूरी तरह सख्त है. ऐसे मामलों में दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा.
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