कदाचार मुक्त वातावरण में ली जा रही स्नातक की परीक्षा
अंबा के जनता महाविद्यालय लभरी परसावां में शांतिपूर्ण तरीके से कदाचार मुक्त वातावरण में स्नातक 2022-25 की फाइनल परीक्षा संचालित की जा रही है
By SUJIT KUMAR | May 29, 2025 6:34 PM
अंबा. अंबा के जनता महाविद्यालय लभरी परसावां में शांतिपूर्ण तरीके से कदाचार मुक्त वातावरण में स्नातक 2022-25 की फाइनल परीक्षा संचालित की जा रही है. परीक्षा नियंत्रक रूनी कुमारी ने बताया कि मगध विश्वविद्यालय द्वारा नवीनगर के एएनएस कॉलेज का परीक्षा केंद्र बनाया गया है. विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार परीक्षा का संचालन किया जा रहा है. फाइनल परीक्षा में कुल 1211 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि परीक्षा में कदाचार रोकने के लिए कॉलेज के प्रोफेसर एवं अन्य कर्मियों को ड्यूटी पर लगाया गया है. दंडाधिकारी के रूप में रूपम कुमारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. वही प्रोफेसर नारेंद्र कुमार पांडेय, प्रो रूबी कुमारी, प्रो राजीव कुमार सिंह, प्रो राजकुमार ज्वाला, प्रो प्रीति कुमारी, प्रो वंदना कुमारी, प्रो विश्वजीत सिंह, नीरज सिंह, किशोर कुमार, दिग्विजय सिंह, रंजीत सिंह, रोहित कुमार आदि शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संचालन में अपनी भूमिका निभा रहे हैं.
शादी के लिबास में परीक्षा केंद्र पर पूजा को देखकर होती रही चर्चा
गुरुवार को इतिहास आनर्स की परीक्षा देने छात्रा पूजा कुमारी दुल्हन के लिबास मे परीक्षा केंद्र पहुंची. पूजा नवीनगर प्रखंड के टंडवा थाना क्षेत्र का घुरा सागर गांव के पिता राम वचन राम की पुत्री है. उसने बताया कि बीती रात उसकी शादी एनटीपीसी थाना क्षेत्र के मंझियावां गांव में हुई. शादी की रस्म पूरी होने के बाद परीक्षा देना भी जरूरी था. इसलिए मायके से विदा होकर दुल्हन के लिए सजी गाड़ी पर सवार होकर ससुराल जाने के बजाय अपने पति के साथ सीधा परीक्षा केंद्र जनता कॉलेज पहुंची. पूजा ने बताया कि दांपत्य जीवन को सुख में बिताने के लिए शिक्षा जरूरी है. शादी की तिथि पूर्व से निर्धारित थी. इसी बीच विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा प्रोग्राम भी निकली गई. पूजा ने बताया कि पहले तो असहज लग रहा था, परंतु ससुराल पक्ष के लोगों ने भी बातें मान ली और वे मायके से विदा होने के बाद परीक्षा दिलाने के लिए ले आए.
सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की बेटियां भी है पढ़ाई के प्रति अग्रसर
शादी के बाद सजे हुए लिबास में पूजा को परीक्षा केंद्र पर देखकर लोग तरह की चर्चा करने लगे. लोगों ने यह स्वीकार किया कि वर्तमान आर्थिक युग में शिक्षा के महत्व बढ़ता जा रहा है. सुदूर ग्रामीण की बेटियां जो उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती थी. आज उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं. सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में रहने के बाद भी शादी के बाद तुरंत परीक्षा केंद्र पर पहुंचकर पूजा ने भी नारी शिक्षा को बढ़ावा देने का उदाहरण पेश किया है. इसमें शिक्षा को बढ़ावा देने की वजह से सरकार द्वारा चलाई जा रही आयाम का योगदान रहा है. आज की युवा पीढ़ी सरकार के प्रयास एवं सामाजिक जीवन में शिक्षा के महत्व को जानने व समझने लगे हैं.
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