जिला स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की बैठक में लिया गया निर्णय औरंगाबाद शहर. जिला स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की बैठक गुरुवार को अध्यक्ष सह डीएम श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में हुई. इसमें एमएलसी दिलीप कुमार सिंह, विधायक आनंद शंकर, नवीनगर विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्ल्यू सिंह, गोह विधायक प्रतिनिधि सुरेंद्र सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधि, जिला कृषि पदाधिकारी तथा सभी उर्वरक कंपनियों के क्षेत्रीय पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में एमएलसी ने कहा कि खरीफ मौसम में डीएपी उर्वरक की मांग किसानों के बीच अत्यधिक रहती है और यह उपलब्ध नहीं होता है. इसपर जिलाधिकारी द्वारा पृच्छा के क्रम में पारादीप फॉस्फेट कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि किसानों के बीच डीएपी की मांग हमेशा रहती है. किसान डीएपी के अलावा अन्य उर्वरक पसंद नहीं करते हैं. कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि डीएपी की रॉ मैटेरियल बाहर से आने के कारण कंपनी को डीएपी बनाने में अत्यधिक लागत आ रही है, जिससे डीएपी कम उत्पादन हो रहा है. किसानों को डीएपी के स्थान पर टीएसपी, एनपीके एवं एसएसपी उर्वरक का उपयोग करने की सलाह दी जाती है. बैठक के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि खरीफ मौसम में किसानों को उचित मूल्य पर सुगमता पूर्वक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करें एवं उर्वरकों के मूल्य नियंत्रण के लिए उर्वरक प्रतिष्ठानों पर नियमित छापेमारी करें. जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में उर्वरक की कालाबाजारी एवं मूल्य नियंत्रण के लिए छापेमारी दल का गठन कर दिया गया है एवं छापेमारी दल द्वारा नियमित छापेमारी भी की जा रही है. साथ ही जिला कृषि कार्यालय में कोषांग का गठन करते हुये उर्वरक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है जिसका संपर्क नंबर 06186-469430 है. साथ ही आत्मा, औरगाबाद द्वारा किसान पाठशाला, खरीफ कर्मशाला एवं किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक के माध्यम से पंचायतों में डीएपी के स्थान पर टीएसपी, एनपीके एवं एसएसपी उर्वरकों के महत्व एवं उसकी मात्रा से संबंधित प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश दिया गया.
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