औरंगाबाद शहर. औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में एडीजे आठ ने रफीगंज थाना कांड संख्या -42/23, एसटीआर -382/23, 112/24 में सजा की बिंदु पर सुनवाई करते हुए दहेज हत्या के जुर्म में दो अभियुक्तों को सजा सुनायी है. एपीपी रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि रफीगंज के खड़वां निवासी अभियुक्त काराधीन पति मुन्ना सिंह उर्फ पंकज और ससुर ग्रिजेश सिंह को भादंवि की धारा -304बी में 20 साल की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर दो साल अतिरिक्त कारावास होगी. इस वाद में अभियोजन की तरफ से डॉ उदय कुमार, आइओ रामईकबाल यादव सहित छह गवाही हुई थी. दोनों अभियुक्तों को आठ जुलाई को दोषी ठहराया गया था. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि नवीनगर के इटवा नोनिया बिगहा निवासी प्राथमिकी सूचक मृतका के भाई सोनू सिंह ने 30 जनवरी 2023 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में कहा था कि बहन की शादी 2020 में बुलेट और अन्य उपहार देकर करायी थी. भाई ने बुलेट का 25 किस्त चुका दिया. आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर बाकी बचे 15 किस्त बहनोई से चुकाने का अनुरोध किया तो बहनोई ने इसका खमियाजा भुगतने की धमकी दी थी. गाड़ी का किस्त जमा नहीं होने पर फाइनेंस कंपनी 29 जनवरी 2023 को बुलेट अपने साथ ले गयी. इसके बाद 30 जनवरी 2023 को 10 बजे दिन में बहन छोटी ने फोन कर बताया कि यहां से ले चलो. नहीं तो हमें ये सब जान से मार देंगे. दोपहर 2:30 बजे उस गांव से फोन आया कि बहन छोटी की हत्या कर दी गयी और शव जलाने की फिराक में हैं. उक्त सूचना पर गांव पहुंचे तो छोटी का शव बिस्तर पर पड़ा था और उसके गले पर दबाने का निशान था. फिर इस घटना की सूचना थाना को दी. न्यायालय में बचाव पक्ष ने अपराधिक इतिहास नहीं होने के कारण न्यूनतम सजा की मांग की. अपर लोक अभियोजक ने दहेज हत्या को समाज का अभिशाप बताते हुए अधिकतम सजा की मांग की. दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात जिला जज अष्टम ने सजा सुनायी.
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