अनुमंडल अस्पताल में मानव संसाधन का अभाव

चिकित्सक दंपती के तबादले के बाद बचे मात्र तीन चिकित्सक

By SUJIT KUMAR | May 15, 2025 4:38 PM
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दाउदनगर. अनुमंडल अस्पताल दाउदनगर पहले से ही मानव संसाधन की समस्या से जूझ रहा था. यहां चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के पद पहले से ही खाली पड़े हुए है. वहीं, चिकित्सक दंपती के तबादले के बाद अब मात्र तीन एमबीबीएस चिकित्सक अनुमंडल अस्पताल में रह गये है. जानकारी के अनुसार, प्रभारी उपाधीक्षक डॉ राजेश कुमार सिंह व उनकी पत्नी डॉ रश्मि कुमारी का स्थानांतरण लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल, पटना में हो गया है. डॉ राजेश कुमार सिंह 16 मई 2016 से दाउदनगर में पदस्थापित थे. मई 2018 में उन्हें प्रभारी उपाधीक्षक बनाया गया था. वैसे यदि देखा जाये, तो अनुमंडल अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर में जो भी सुधार दिख रहा है वह इन्हीं के कार्यकाल में हुआ है. ऑक्सीजन प्लांट और आरओ वाटर लगा. सिजेरियन की शुरूआत हुई. ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी. कुछ दिनों के लिए वे ओबरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं दाउदनगर पीएचसी के प्रभारी भी रहे. लोगों का कहना है कि इनके कार्यकाल में अनुमंडल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने का भरपूर प्रयास किया गया. इनकी पत्नी डॉ रश्मि कुमारी भी नौ वर्षों तक पदस्थापित रहीं. इस दंपती के तबादले के बाद अनुमंडलीय अस्पताल में तीन एमबीबीएस चिकित्सक डॉ स्नेह किरण, डॉ नम्रता प्रिया व डॉ शांता कुमारी बच गये है. इनके अलावा दो आयुष चिकित्सक है. अब समझा जा सकता है कि मात्र तीन चिकित्सकों के सहारे दाउदनगर अनुमंडल के आबादी को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ कितना मिल सकता है. दाउदनगर अनुमंडल के चारों प्रखंडों के अलावा अरवल जिले के कलेर, मेहंदिया, रोहतास जिले के नासरीगंज समेत अन्य इलाकों के लगभग 12 से 15 लाख की आबादी लाभान्वित होती है. यह 75 बेड का अस्पताल है. अनुमंडल अस्पताल के उद्घाटन के बाद लोगों को उम्मीद थी कि अब उन्हें अनुमंडल स्तर पर समुचित बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जायेंगी, लेकिन मानव संसाधन एवं स्वास्थ्य संसाधन की कमी के कारण उम्मीदों पर पानी फिर रहा है.

ऑक्सीजन प्लांट व अल्ट्रासाउंड बंद

कोरोना काल के समय अनुमंडल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था, जो करीब सात महीने से बंद पड़ा है. विभागीय स्तर पर पत्राचार किया गया है. हालांकि, ऑक्सीजन के लिए वैकल्पिक रूप से 30 बड़े सिलिंडर है, जिससे 24 गुणा सात घंटा ओटी रूप में साथ-साथ 55 बेडों तक ऑक्सीजन सप्लाई किया जा रहा है. बारुण में रिफिलिंग सेंटर से सिलिंडर में ऑक्सीजन भरवाया जा रहा है. रेडियोलॉजिस्ट नहीं रहने के कारण अल्ट्रासाउंड बंद है. सूत्रों से पता चला कि इस अस्पताल में चिकित्सक के 31 पद स्वीकृत है, लेकिन यह पद कभी नहीं भर पाया. उपाधीक्षक का पद प्रभार में रहे. कई महत्वपूर्ण विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सक का अभाव रहा. अब देखने वाली बात यह होगी कि चिकित्सक दंपती के तबादले के बाद कब तक सरकार द्वारा नये चिकित्सकों की पदस्थापना दाउदनगर अनुमंडल अस्पताल में की जाती है. उपाधीक्षक का पद प्रभार के सहारे ही चलेगा या सरकार द्वारा स्थायी उपाधीक्षक की पदस्थापना की जायेगी.
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