औरंगाबाद ग्रामीण. शहर से सटे मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कुंडा गांव में बिजली मीटर रीडरों ने एक बैठक कर राष्ट्रपति को स्पीड पोस्ट के माध्यम से एक पत्र भेजा है. पत्र में विद्युत विभाग बिहार सरकार में कार्यरत आरआरएफ और एमआरसी को विद्युत विभाग में पंचायत पर्यवेक्षक का पद सृजित करते हुए समायोजित करने का जिक्र किया गया है. मीटर रीडर दीपक कुमार मौर्य ने बताया कि वर्ष 2013 में विद्युत विभाग के बिलिंग और राजस्व संग्रहण की लचर व्यवस्था को देखते हुए रेवेन्यू फ्रेंचाइजी योजना संपूर्ण बिहार में लागू की गयी थी. इसके अंतर्गत राज्य के सभी पंचायत में एक-एक फ्रेंचाइजी को बिलिंग एवं राजस्व संग्रहण के लिए अधिकृत किया गया था. सभी मीटर रीडर 2013 से लेकर अब तक घर-घर जाकर बिलिंग व राजस्व संग्रहण का कार्य करते हैं और उसी की कमाई से परिवार का भरण पोषण करते हैं. बिहार सरकार द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर की योजना लाने से सभी मीटर रीडरों के समक्ष बेरोजगारी व भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. परिवार सड़क पर आने को विवश हो जायेगा. संघ के राज्य कमेटी द्वारा कई बार राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री सहित पदाधिकारी को पत्राचार किया गया, लेकिन इस पर कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गई. मीटर रिडरों ने हमेशा धरातल पर उतरकर धूप व बरसात की परवाह किए बिना अब तक काम किया है. सरकार सभी मीटर रिडरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. दीपक कुमार ने कहा कि एक अगस्त से सरकार द्वारा 125 यूनिट बिजली फ्री की घोषणा की गई. इसके बाद मीटर रिडरों का काम समाप्त हो जाएगा. सभी मीटर रीडर बेरोजगार हो जायेंगे. मीटर रिडरों द्वारा फ्री बिजली का विरोध नहीं किया जा रहा, लेकिन ऐसी व्यवस्था होने के बाद वर्षों से कार्य कर रहे मीटर रीडरों का क्या होगा. सभी मीटर रीडर भुखमरी की स्थिति में पहुंच जायेंगे. अगर सरकार उनकी बातों पर ध्यान नही देती है तो जिले के सभी मीटर रीडर सड़क पर उतरकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे. इस दौरान धीरेंद्र कुमार, रंजीत वर्मा, प्रिंस रंजन, जयप्रकाश कुमार, लालमोहन कुमार, नागेंद्र कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे.
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