बरसात के दिनों में बीमार पड़ने पर इलाज के अभाव में 25 दिनों में दो महिलाओं की मौत अंबा. औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड अंतर्गत सुही पंचायत के वार्ड नंबर नौ स्थित महादलित टोला पोखरा पर आज भी विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर है. जबकि सरकार की ओर से मनरेगा, 15वीं वित्त आयोग, षष्ठम वित्त, सात निश्चय योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसे कार्यक्रमों के तहत गांवों के विकास में करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. सड़क, नाली, स्वच्छता मिशन, हर घर नल का जल आदि योजनाओं के नाम पर जहां पानी की तरह पैसे बहाये जा रहे हैं, वहीं जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है. पोखरा पर टोला इसका जीता-जागता उदाहरण है, जहां न तो पक्की सड़क बनी है और न ही नल-जल योजना के तहत पानी की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है.
गांव की स्थिति : 300 की आबादी, सुविधा शून्य
महुअरी नहर के दोनों किनारों पर बसे इस टोले की दूरी सुही गांव से लगभग 1.3 किलोमीटर है. गांव में कोइरी, धोबी, महादलित और लोहार जाति के लोग निवास करते हैं. 30 से 35 घरों की इस बस्ती में 300 से अधिक लोग रहते हैं. स्थानीय निवासी जगदीश मेहता, शंभू राम, शिवशंकर बैठा, श्रीराम मिस्त्री आदि ने बताया कि कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से सड़क निर्माण की मांग की गयी, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई. टोले को जोड़ने वाली कोई पक्की सड़क नहीं है.
बिजली पोल के सहारे लोग करते हैं आवागमन
महुअरी नहर पर ग्रामीण बिजली के पोल रखकर आर-पार आने-जाने को मजबूर हैं. बरसात के दिनों में यह रास्ता कीचड़ से भर जाता है, जिससे स्कूली बच्चों, महिलाओं और बीमार लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. गर्मी के मौसम में खेतों के रास्ते लोग किसी तरह आवाजाही कर लेते हैं, लेकिन बारिश में घर से निकलना भी जोखिम भरा हो जाता है. टोले के चारों ओर पानी भर जाता है, जिससे सर्प और बिच्छू जैसे जहरीले जीव घरों में घुस जाते हैं. बिच्छू के डंक से ग्रामीणों को अक्सर अस्पताल ले जाना पड़ता है, लेकिन रास्ते के अभाव में यह भी कठिन होता है. विकास कार्यों से वंचित इस टोले में बीते 25 दिनों में इलाज के अभाव में दो महिलाओं की मौत हो चुकी है. ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार की रात रामप्रवेश मिस्त्री की 57 वर्षीय पत्नी भगवती देवी को अचानक तेज पेट दर्द हुआ. ग्रामीण किसी तरह उन्हें बिजली के पोलों के सहारे नहर पार कर ऑटो तक लाये, लेकिन रास्ते में कीचड़ के कारण ऑटो फंस गया और समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण उनकी मौत हो गयी. ग्रामीणों के अनुसार, लगभग 25 दिन पहले सोनू राम की पत्नी की भी मौत इलाज के अभाव में हुई थी.
पत्राचार किया गया है : विधायक
स्थानीय विधायक राजेश कुमार ने कहा कि पोखरा पर टोले को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता (एसइ) को पत्र भेजा गया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में पुनः पत्राचार किया जायेगा.
कार्यपालक अभियंता की प्रतिक्रिया
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए साइड विजिट कर सर्वेक्षण करा लिया गया है. आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रस्ताव इंजीनियर-इन-चीफ को भेजा गया है. स्वीकृति मिलने के बाद अगली प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
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