10 मई को लगेगी राष्ट्रीय लोक अदालत, अधिक से अधिक वादों के निबटारे का लक्ष्य
औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय व दाउदनगर अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय में 10 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा. इसके लिए नौ बेंचों का गठन किया गया है, जहां सुलहनीय वादों का निबटारा किया जायेगा. बुधवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष राज कुमार ने राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि 10 मई को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए न्यायालय में लंबित सभी तरह के सुलहनीय वादों से संबंधित नोटिस को पुलिस के माध्यम से पक्षकारों को हस्तगत कराया गया है. साथ ही तामिला प्रतिवेदन पर प्राप्त मोबाइल नंबर के आधार पर कार्यालय द्वारा उन्हें राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन मौजूद रहने के लिए भी सूचित किया गया है. जिला जज ने बताया कि सभी संबंधित विभागों, न्यायालय तथा पदाधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक की गयी है. मीडिया द्वारा किये जाने वाले सार्थक सहयोग के प्रतिफल के रूप में राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन इसका सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना है. बताया कि पारिवारिक मामलों के निस्तारण में यह जिला पूर्व में भी अच्छा रहा है और इसे और अव्वल बनाने की प्रक्रिया जारी रहेगी. इसके लिए कई वादों का चयन किया गया है. प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल ने बताया कि प्रारंभिक स्तर पर अभी तक न्यायालय में लंबित 2230 सुलहनीय वाद चिह्नित किया गया है तथा 51 वादों में निस्तारण के लिए सहमति प्रदान की गयी है. वहीं, पांच हजार से अधिक नोटिस निर्गत किये जाने तथा 600 वादों के निस्तारण का लक्ष्य से संबंधित ब्यौरा उपलब्ध कराया गया. प्री-लिटिगेशन अंतर्गत पांच हजार से अधिक बैंक ऋण संबंधित मामलों में पक्षकारों को नोटिस किया गया है, जिसमें 125 से अधिक ऋण वादों का निस्तारण के लिए सहमति प्राप्त हो गया है. 1200 से अधिक मामलों को इस लोक अदालत में निस्तारण का लक्ष्य रखा गया है और इनसे संबंधित नोटिस प्रेषण की कार्रवाई की जा चुकी है, जिसे आगे बढ़ने की संभावना है. प्रेसवार्ता के दौरान बताया गया कि न्यायालय स्तर से बड़े पैमाने पर नोटिस प्रेषित करने की कार्रवाई की गयी है जिससे कि न्यायालय में लंबित सभी तरह के सुलहनीय मामलों का अधिक से अधिक निस्तारण संभव हो सके. इस राष्ट्रीय लोक अदालत का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील की गयी.
विभिन्न वादों के लिए अलग-अलग बेंच गठित
औरंगाबाद जिला एवं दाउदनगर अनुमंडलीय न्यायालय को मिलाकर कुल नौ बेंचों का गठन किया गया है, जिसपर वादों निबटारा किया जायेगा. सचिव ने बताया कि औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों के निष्पादन हेतु बेंच संख्या एक पर मोटर दुर्घटना वाद, ईजराय वाद, भरण-पोषण वाद तथा पारिवारिक मामले, बेंच संख्या दो पर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, प्रथम एवं तृतीय के न्यायालय से संबंधित सुलहनीय वाद तथा एनआई अधिनियम के मामले, बेंच संख्या तीन पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय से संबंधित सुलहनीय वाद तथा खनिज, वन, श्रम एवं बिजली आदि से जुड़े वाद, बेंच संख्या चार पर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, चतुर्थ, षष्टम एवं सप्तम के न्यायालय से संबंधित सुलहनीय वाद, बेंच संख्या पांच पर सभी बैंक से संबंधित ऋण वाद, बेंच संख्या छह पर न्यायिक दंडाधिकारी राजीव कुमार के न्यायालय, प्रथम श्रेणी के न्यायालय, अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय ओम प्रकाश नारायण सिंह, न्यायिक दंडाधिकारी, प्रथम श्रेणी नेहा दयाल के न्यायालय से जुड़े सुलहनीय वाद जिनका न्यायालय अभी खाली है, बेंच संख्या सात पर शुभांकर शुक्ला के न्यायालय से संबंधित मामले, न्यायिक दंडाधिकारी, प्रथम श्रेणी नेहा, न्यायिक दंडाधिकारी, प्रथम श्रेणी विकास कुमार, जिनका न्यायालय अभी खाली है के न्यायालय से संबंधित सुलहनीय वाद का निस्तारण किया जायेगा. बेंच संख्या आठ अनुमंडलीय न्यायालय, दाउदनगर से संबंधित है जिसपर अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी, दाउदनगर एवं दप्रसं की धारा 107 एवं 144 से संबंधित वाद का निस्तारण किया जायेगा. बेंच संख्या नौ पर आशीष कुमार एवं न्यायिक दंडाधिकारी श्वेताभ शांडिल्य के न्यायालय से संबंधित सुलहनीय आपराधिक वाद का निस्तारण किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है