दाउदनगर. सावन महीने की उमस भरी गर्मी के बीच बिजली आपूर्ति की बदहाल स्थिति ने आमजन को भारी परेशानी में डाल दिया है. एक ओर तपती गर्मी से लोग बेहाल हैं, वहीं दूसरी ओर अघोषित पावर कट ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. न बिजली आने का कोई तय समय है और न ही जाने की कोई पूर्व सूचना. ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति इतनी खराब है कि घंटों तक बिजली गुल रहती है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. बुजुर्ग, बीमार, महिलाएं और बच्चे इस संकट से सर्वाधिक प्रभावित हैं. ग्रामीणों ने बताया कि रातभर बिजली नहीं रहने की वजह से उन्हें सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों की परेशानी भी बढ़ गयी है, क्योंकि खेतों में मोटर से सिंचाई करना संभव नहीं हो पा रहा है. स्थानीय किसान और उपभोक्ता बताते हैं कि कभी-कभी सिर्फ 45 मिनट के लिए बिजली आती है, तो कई बार लगातार तीन से चार घंटे तक लाइन काट दी जाती है. खासकर रात 7 बजे से लेकर 12 बजे तक पूरी तरह बिजली बंद रहती है। वहीं सुबह 4 बजे फिर आपूर्ति ठप कर दी जाती है. पावर कट की समस्या से नाराज उपभोक्ताओं का आक्रोश अब सड़कों पर दिखने लगा है. गुरुवार को हसपुरा फीडर से जुड़े उपभोक्ता तरारी स्थित विद्युत आपूर्ति प्रमंडल कार्यालय पहुंचे और आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया. हालांकि, किसी ने लिखित आवेदन नहीं दिया, लेकिन लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर अपनी नाराजगी स्पष्ट रूप से जाहिर की. इससे पहले जिनोरिया फीडर से जुड़े तीन पंचायतों के लोग भी बिजली कार्यालय पहुंचकर विरोध जता चुके हैं. नीरज पटेल सहित अन्य उपभोक्ताओं ने बताया कि पावर कट से उनकी दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। बच्चों की पढ़ाई, घर का काम, कृषि, व्यवसाय-सब कुछ चरमरा गया है. हसपुरा फीडर से संसा, तरार, करमाही, महेद्राचक, रघुबिगहा, प्रसाद बिगहा, लीला चक, नवरतन चक, सिंदुआर, एकौनी, रेपुरा समेत दर्जनों गांवों को बिजली आपूर्ति होती है. लेकिन लगातार हो रही कटौती से इन गांवों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. ग्रामीणों ने विभाग से बिजली आपूर्ति में सुधार की मांग की है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें कार्यालय से सकारात्मक आश्वासन मिला है. इस संबंध में कनीय विद्युत अभियंता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि हसपुरा फीडर में कुछ तकनीकी समस्याएं थीं, जिन्हें अब दूर कर लिया गया है. प्रयास किया जा रहा है कि आगे कोई समस्या न हो.
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