बांका. कृषि विज्ञान केंद्र के तत्वावधान में चांदन प्रखंड अंतर्गत बंगालगढ़ में कुपोषण उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित किया गया. खरीफ मौसम में आयोजित इस कार्यक्रम में कृषि कार्य से संबंधित प्रशिक्षण दकया गया. इसमें 30 किसान शामिल हुए. प्रशिक्षण में बताया गया कि कुपोषण एक गंभीर समस्या है, जहां लगभग 74.1 प्रतिशत लोग पोषणयुक्त भोजन हासिल करने में असमर्थ हैं. सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा कुपोषण को दूर करने के प्रयास किए जा रहा है. कुपोषण की समस्या असंतुलित या अपर्याप्त आहार के कारण होती है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. यह समस्या विशेष रूप से बच्चों और गर्भवती महिलाओं में देखी जाती है. कुपोषण के मुख्य कारणों में गरीबी और आर्थिक अस्थिरता, स्वास्थ्य आहार की महंगाई एवं जागरूकता की कमी है. कुपोषण के मुख्य लक्षणों में शारीरिक कमजोरी, मानसिक विकास में कमी, रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी एवं गंभीर बीमारियों का खतरा इत्यादि है. कुपोषण को दूर करने के लिए सरकार और गैर सरकारी संगठनों द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. इस अवसर पर खरीफ मौसम में लगाये जाने वाले सब्जियों के बीज का प्रत्यक्षण 30 किसानों के बीच किया गया, ताकि भोजन में इन सब्जियों का उपयोग करके स्वास्थ्य लाभ ले सकें. इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक ई रवि रंजन कुमार, संजय कुमार मंडल और डाॅ नेहा सिंह ने भी अपने-अपने विषय से संबंधित किसानों की समस्याओं को सुना और निदान बताया.
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