एक ही परिवार के तीन बाच्चे बीमार
चिकित्सक डॉ अमित महाजन ने पीड़ित बच्चों को स्लाइन चढ़ाते हुए प्राथमिक उपचार किया. पीड़ित बच्चों में दर्वेपट्टी गांव निवासी विकास बड़बाइक का पुत्र शिवम कुमार (8वर्ष) व सत्यम कुमार (3वर्ष) एवं राकेश बड़बाइक का एक वर्षीय पुत्र पीयूष कुमार शामिल हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह नाश्ता में शिवम व सत्यम दोनों भाई बासी भात खा रहा था. तभी वहां पहुंचे मासूम चचेरा भाई पीयूष को भी बासी भात खिलाया. करीब एक घंटा बाद से ही तीनों बच्चों की तबियत अचानक बिगड़ गयी.
फूड पॉइजनिंग के लक्षण
कुछ प्रकार के भोजन गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकते हैं, जिसे खाने के कुछ ही देर बाद उल्टी, पेट में ऐंठन, दस्त, बुखार, ठंड लगना, सिर दर्द, कमजोरी, भूख में कमी, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन की समस्या शुरू हो जाती है. हालांकि लक्षण दिखने में कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक का समय लग सकता है.
फ़ूड पॉइज़निंग के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
फ़ूड पॉइज़निंग जब आपको होती है, तो आपको आपको बहुत सारे तरल पदार्थ पीने चाहिए. क्योंकि फूड पॉइजनिंग के दौरान सबसे पहले शरीर से खोए हुए तरल पदार्थों की पूर्ति करना महत्वपूर्ण होती है. अगर उल्टी की समस्या है, तो थोड़ी मात्रा में साफ़ तरल पदार्थ पीने की कोशिश करें.
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