अक्षय तृतीया पर एक भी बाल-विवाह नहीं नहीं होने देने का संकल्प कटोरिया. बांका जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा व बाल विवाह की रोकथाम को लेकर कार्यरत संगठन मुक्ति निकेतन कटोरिया द्वारा बाल-विवाह की रोकथाम के लिए धर्मगुरुओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया. संस्था के सचिव चिरंजीव कुमार सिंह ने कहा कि धर्मगुरुओं से मिला सहयोग व समर्थन अभिभूत करने वाला है. इस अक्षय तृतीया जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होने देने का दृढ संकल्प लिया गया है. बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश में नागरिक समाज संगठनों के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के बांका में सहयोगी संगठन मुक्ति निकेतन भागलपुर की ओर से अक्षय तृतीया व शादी-ब्याह के मौसम को देखते हुए बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों के बीच चलाए जा रहे जागरूकता अभियान को व्यापक सफलता मिली है. सभी धर्मगुरुओं ने इसकी सराहना करते हुए समर्थन का हाथ बढ़ाया है. संगठन ने कहा कि कोई भी बाल विवाह किसी पंडित, मौलवी या पादरी जैसे पुरोहित के बिना संपन्न नहीं हो सकता. हमने उन्हें बाल विवाह के खिलाफ अभियान से जोड़ने का फैसला किया. इसके सकारात्मक नतीजों को देखते हुए हम उम्मीद कर सकते हैं कि इस अक्षय तृतीया पर जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होने दिया जाएगा. जिले में तमाम मंदिरों-मस्जिदों के आगे ऐसे बोर्ड लगे हुए हैं, जिन पर स्पष्ट लिखा है कि यहां बाल विवाह की अनुमति नहीं है. गौरतलब है कि जेआरसी 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करने के मकसद से ””””चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया”””” अभियान चला रहा है. जेआरसी कानूनी हस्तक्षेपों के जरिए बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में जमीन पर काम कर 250 से भी ज्यादा नागरिक संगठनों का नेटवर्क है, जिसने पिछले वर्षों में दो लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं. पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई है. इसके सहयोगी संगठन मुक्ति निकेतन ने स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों व परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझा कर अकेले 2024-25 में ही जिले में 315 विवाह रुकवाए हैं.
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