कटोरिया. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का शुभारंभ होने में महज एक सप्ताह का समय बचा है. इसके साथ ही यहां देश-विदेश से केसरिया वस्त्रधारी शिवभक्तों का सैलाब उमड़ना शुरू हो जाएगा. कच्ची कांवरिया पथ बोलबम व हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजने लगेगा. वर्तमान में कई जगहों पर बाबा की डगर यानि कच्ची कांवरिया पथ कीचड़मय बना हुआ है. विभिन्न जगहों पर कच्ची पथ की बदहाल स्थिति व सब-वे में जमा कीचड़ श्रावणी मेला की तैयारियों की पोल खोल रहा है. पूर्व के वर्षों में मेला के शुभारंभ से एक सप्ताह पहले तक कच्ची कांवरिया पथ से होकर जिला प्रशासन के अधिकारियों के वाहनों का काफिला सुगमतापूर्वक गुजरता था. इस वर्ष एक सप्ताह पहले कच्ची पथ से होकर पैदल चलना मुश्किल है. भक्तों के नंगे पांव कीचड़ से सन जाएंगे. कांवरिया पथ में जमुआ मोड़ में सब-वे में कीचड़ जमा हुआ है. सब-वे से बाहर के कच्ची पथ में काफी दूर तक फिसलन वाली कीचड़ बना हुआ है. अबरखा में भी कच्ची पथ में डाले गए गंगा के महीन बालू का बारिश से बहाव हो रहा है. यहां कच्ची पथ पर बना पुलिया भी ध्वस्त हो चुका है. सतलेटवा व अबरखा के बीच में नौवाडांड़ के समीप ढलान पर बालू के कटाव को रोकने के लिए सीमेंट बोरा में बालू भरकर रास्ते में डाला गया है. श्रावणी मेला में सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर बाबाधाम के लिए कांवर यात्रा करने वाले भक्तों को सुगम कच्ची पथ उपलब्ध कराने के लिए अब भी गुणवत्तापूर्ण व युद्धस्तर पर तैयारियों को गति देने की जरूरत है.
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